रिपोर्ट शकील खान ।
बैरिया ,बलिया : गुरुवार देशभर में शिक्षक दिवस मनाया गया। शिक्षक दिवस का दिन गुरुओं को समर्पित होता है। 'गु' यानी अंधकार या अज्ञान और 'रु' का मतलब, प्रकाश या ज्ञान से है। यानी, जो व्यक्ति शिष्य को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है, वह गुरु है। प्राचीन काल में वैश्विक शिक्षा का केंद्र रहे भारतवर्ष के गौरवशाली अतीत में गुरु सदैव आदरणीय रहे हैं। गुरु के सम्मान में ‘गुरु पूर्णिमा’ मनाने की परंपरा हजारों वर्षों से प्रचलित है। शिक्षार्थी के जीवन में उच्च चरित्र का निर्माण करने वाले कई महान् आचार्यों का वर्णन हमारे धर्म ग्रंथों में मिलता है। मसलन महान ऋषियों-मुनियों की भारतीय परंपरा की गुरुकुल पद्धति वाली शिक्षा व्यवस्था ने विश्व में अपनी कीर्ति पताका लहराई थी।
ज्ञान, विज्ञान व संस्कारों का भूखंड रहे भारतवर्ष की शिक्षा व्यवस्था को संरक्षित, पल्लवित और पुष्पित करने का काम द्वाबा चिल्ड्रेनस स्कूल एक नई ऊर्जा के साथ कर रही है।
रानीगंज बाजार स्थित द्वाबा चिल्ड्रेन स्कूल में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्य क्रम की शुरुवात मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर किया गया। बच्चो ने इस अवसर पर बेहतरीन तरीके से भाषण , नृत्य और गायन से लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया था। सैकड़ों की संख्या में जुटे अभिभावक और क्षेत्रीय लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिए और बच्चो को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित विभूति नारायण मिश्रा ने की ।
सभा को समबोधित करते हुए प्रिंसिपल डॉ एम ए खान ने कहा कि मेरे विद्यालय के बच्चो में संस्कार , सम्मान, और बेहतरीन शिक्षा देने के लिए मेरे अध्यापक और अध्यापिकाएं लगातार मेहनत कर रहे है। बच्चो के अन्दर छिपे टैलेंट को बाहर निकाल कर उन्हें एक योद्धा कि तरह तैयार किया जा रहा है । मेरे विद्यालय के बच्चे आज बड़े पदों पर चयनित होकर देश सेवा कर रहे है ,जो गौरव की बात है। विद्यालय में आए सभी आगंतुकों का संचालक इशिता शर्मा एवं हनी केशरी द्वारा आभार प्रकट किया गया।
इस अवसर पर एम ए खान, आर डी सिंह , शहाबुद्दीन सिद्दीकी , राणा प्रताप सिंह , अश्वनी सिंह , बबीता गुप्ता ,सबिहा परवीन , भूपेश सिंह प्रधान, सुधीर सिंह, ओम प्रकाश सिंह ,शकील खान, मनोज तिवारी, गुप्तेश्वर पाठक , बिरेंद्र नाथ मिश्रा, राजू सिंह , संतोष सिंह , ददन भारती आदि मौजूद रहे ।
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