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गरीब जानकर इमामबाड़े की जमीन में दरवाजा खुलवाना पड़ा भारी,सहन पर कब्जा करवाने में लगी बड़ी बड़ी हस्तियां



बलिया डेस्क। बलिया का सिकन्दरपुर कस्बा आए दिन कोई ना कोई विवाद में घीरा नजर आता है, इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि नगर के मोहल्ला मिल्की स्थित इमामबाड़े के सहन को अवैध रूप से कब्जा करने के मामले में इस क्षेत्र के बड़ी-बड़ी हस्तियां लगी हुई है, लोगों का यह भी कहना है कि भाजपा के जिलाध्यक्ष भी इस घटना में इन्वाल्व हैं

हालांकि देखा जाए तो जो हस्तियां इस इमामबाड़े के सहन को फर्जी तरीके से लुटवाने पर तुली हैं, उनसे ना तो जिला और ना ही नगर पंचायत सिकन्दरपुर संभाला जा रहा है,कुछ ऐसे तथा कथित लोग हैं जो देहात से आकर सिकन्दरपुर नगर में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए एक दूसरे को लड़ाने व धार्मिक स्थलों का अपने दलाली के माध्यम से बेचने का कार्य जोरों शोर पर कर रहे हैं। 

बता दे की मामला नगर के मोहल्ला मिल्की स्थित इमामबाड़ा की सहन का है जहां विगत दिनों एक भूतपूर्व सदर ने एक व्यक्ति को गरीब जानकर इमामबाड़े के सहन में दरवाजा खुलवा दिया,जिसके बाद कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई थी,जिसपर उक्त व्यक्ति नें कहा कि मैं दरवाजा सीढ़ी सब अपनी दीवार की हद में ही रखूंगा। 

बहर हाल वह आदमी दरवाजा तो निकाला ही मौका देख इमामबाड़े के सहन में सीढ़ी भी बना दिया,जिसको लेकर कुछ आपत्तियां हुई थी मगर लोग गरीब जानकर छोड़ दिए,और वह गरीब भी हाथ पैर जोड़कर किसी तरह अपना सीढ़ी तो निकलवा लिया मगर यहां पर एक सवाल यह खड़ा होता है कि जब वह इमामबाड़े की सहन की जमीन है तो कहीं ना कहीं जब इमामबाड़े का विस्तार किया जाएगा तो उसका सीढ़ी टूटना तो लाजमी है, मगर कुछ कथा कथित यहां के भाजपा नेताओं सहित चकिया गांव के एक फर्जी नेता सहित मोहल्ले के कुछ लोगों ने इस मामले को तूल पकड़ा दिया।

मामले नें तूल तब पकड़ा जब मोहर्रम के दौरान सैकड़ों वर्षों की परम्परा के अनुसार सहन में ताजिया की पेपर से सजावट की जा रही थी तब उक्त व्यक्ति की पत्नी द्वारा कहा जाने लगा कि तुम लोग अपना ताजिया इमामबाड़े की सहन में ना साट कर इमाम बाड़े के अंदर ले जाकर साटो। अब यहां पर एक सवाल यह खड़ा होता है कि जब इमामबाड़े के सहन की जमीन है ऊपर से उक्त व्यक्ति द्वारा खुद ही इमामबाड़े की जमीन में सीढी बनाया गया है दरवाजा खोला गया है वही आदमी यह बात कह रहा है। 

जिसको लेकर तत्कालीन सदर व कमेटी द्वारा उस व्यक्ति के लिए सीढ़ी के बगल से दीवार घेरकर जो गली नुमा जो इमामबाड़े की रंगाई वह पुताई के लिए छोड़ी गई जमीन थी उसको उसी तरफ से रास्ता दे दिया गया।

फिर भी उस व्यक्ति को तसल्ली नहीं हुई और वह किसी के चढ़ाने बढ़ाने पर कहने लगा कि मैं इमामबाड़े के सहन की तरफ से ही आया जाया करूंगा,इस बातको लेकर लोगों का कहना है कि उस व्यक्ति को इतना भी शर्म नहीं है की धार्मिक स्थल को कब्जा करना कितना बड़ा गुनाह है। 


बात यहीं तक नहीं रुकी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया उक्त महिला के द्वारा उन लोगों पर छेड़खानी का भी आरोप लगा दिया गया। उक्त व्यक्ति की पत्नी नें पहले भी कहा था कि दीवार नहीं तोड़ा गया तो सबको छेड़खानी के मुकदमें में फंसा दूंगी और किया भी । 

हालांकि मामला पुलिस के पास पहुंच चुकी है जो यहां के चौकी इंचार्ज जांच पड़ताल कर रहे हैं बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे। 

मगर यहां पर एक सवाल यह खड़ा होता है कि कुछ भाजपा नेताओं के पास और कोई मामला है कि नहीं जो अब धार्मिक स्थलों की भी बेचा किनी का कार्य जोरों शोर पर कर रहे हैं। 

कुछ लोगों का यह अभी कहना है कि यहां का जो वर्तमान नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि है उनसे अपना वार्ड संभाला नहीं जा पा रहा है लेकिन जमीन चाहे धार्मिक हो या अन्य बेचा किनी कर अपना जेब भरने से मतलब है। 

वही मोहल्ले वालों ने यह भी कहा है कि उक्त व्यक्ति द्वारा लगाया गया आरोप सरासर बेबुनियाद है उन्होंने प्रशासन से इसकी जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। 

वहीं इस मामले में चौकी प्रभारी द्वारा बार बार दीवार तोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है, वहीं नगर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दबी जुबान में कहा है कि, मिल्की मोहल्ले में ही एक प्राचीन शिव मंदिर का मुख्य मार्ग कुछ लोगों द्वारा दीवार उठाकर बंद कर दिया गया है, जिसके कारण महिलाओं का पूजा करने के लिए आना जाना बंद हो गया है, अगर सम्भव हो तो चौकी प्रभारी उसे भी तोड़वाकर पुनः रास्ते को खोलवा दें।

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