घरवालों नें जिसे समझा मृत वह 17 घंटे बाद ताजपुर फुलवरिया गांव के पास मिली जिंदा
- पति की मृत्यु से सदमे में आई राजकुमारी देवी ने सरयू नदी में लगाई थी छलांग
सरयू नदी के तट पर रखे सिंहोरा से परिजनों को नदी में डूबने की थी आशंका
बलिया डेस्क।।
'जाको राखे साइयां मार सके न कोय' की कहावत बलिया के सिकन्दरपुर थाना अंतर्गत डुहा विहरा गांव की एक महिला पर शनिवार की देर रात्रि को चरितार्थ हुई,जहां पति की मृत्यु से आहत महिला सरयू नदी में जान देने के लिए कूद गई और फिर 17 घंटे बाद करीब 5: 30 बजे शाम को सही सलामत ताजपुर फुलवरिया (मांझी, बिहार) के पास एक नाविक को मिली। सूचना पर पहुंचे परिजन देर रात 1:30 बजे महिला को लेकर घर चले आए। सरयू के तेज प्रवाह में 17 घंटे गुजारने के बाद सकुशल घर पहुंची महिला को देखने के लिए रविवार को हुजूम उमड़ पड़ा।
डुहा बिहरा गांव निवासी विशेष सिंह (62 वर्ष) की मौत शुक्रवार की रात हो गई। पति के निधन का सदमा राजुकुमारी सहन नहीं कर पाईं। विलाप करते करते राजकुमारी अचानक उठीं और अपना सिंहोरा और रामचरित मानस साथ लेकर दो बजे रात को घर से निकल गईं। कुछ देर बाद परिजन उनकी तलाश शुरू किए तो उनका सिंहोर सरयू नदी के तट पर मिला। यह देख परिजनों का शोक और बढ़ गया। इसी उधेड़बुन में विशेष सिंह का अंतिम संस्कार कर घर लौटे परिजनों को राजकुमारी के जीवित होने की सूचना मिली।
बतौर राजकुमारी, पति की मृत्यु के बाद भविष्य की चिंता खाए जा रही थी। तरह तरह की चिंताओं पर चिंतन मनन करते हुए सरयू नदी के किनारे बने छठ घाट पहुंच गई। वहां अपना सिंहोरा रखा और रामचरित मानस को साथ लेकर नदी में छलांग लगा दी। उसके बाद क्या हुआ कुछ भी पता नहीं। उधर उफनाई सरयु नदी के जल धारा के साथ बहती हुई राजकुमारी शनिवार को अपराह्न 5:30 बजे बिहार के ताजपुर फुलवरिया के पास नदी किनारे लग गईं। कुछ देर बाद तंद्रा टूटने पर राजकुमारी ने कुछ दूरी पर मछली मार रहे एक मल्लाह को इशारा कर अपने पास बुलाया। मांझी (बिहार) निवासी मल्लाह व्यास पास पहुंचा और उन्हें अपने घर लेकर गया। पूछताछ के दौरान राजकुमारी ने आपबीती सुनाई। व्यास मल्लाह ने डुहा के अपने रिश्तेदार को राजकुमारी का फोटो भेज पूरी बात बताई तो सभी अवाक रह गए। सूचना पर पहुंचे परिजन राजकुमारी को लेकर घर चले आए।
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