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आक्रोशित अधिवक्ताओ ने किया प्रदर्शन,बैठे क्रमिक अनशन पर





बैरिया, बलिया। बैरिया तहसीलदार द्वारा शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस पर वरिष्ठ अधिवक्ता को फर्श पर पटकनेका मामला तूल पकड़ता जा रहा है । अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज बैरिया तहसील बार के समस्त अधिवक्ताओं ने मंगलवार को  कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मदनलाल वर्मा के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी न्यायालय के समक्ष जबरदस्त प्रदर्शन किया। तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की। फिर उपजिलाधिकारी न्यायालय के समक्ष क्रमिक अनशन पर बैठ गए।

उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को बैरिया तहसील के सभागार में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर अपनी समस्या लेकर आये बुजुर्ग अधिवक्ता प्रेमचन्द श्रीवास्तव को  तहसीलदार शैलेंद्र चौधरी ने फर्श पर पटक दिया था। आक्रोशित तहसील बार के अधिवक्ताओं ने सम्पूर्ण समाधान दिवस पर एसडीएम के समक्ष तहसीलदार के खिलाफ हंगामा किया। तहसीलदार के सभी दफ्तरों से कर्मचारियों को बाहर निकालकर ताला बंद कराते हुए तहसील के प्रवेश द्वार पर धरना पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। 


तब जिलामुख्यालय से अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक तथा क्षेत्राधिकारी बांसडीह मौके पर पहुंचकर अधिवक्ताओं से वार्ता किया।अधिवक्ताओं ने तहसीलदार शैलेन्द्र चौधरी के निलम्बन, उन पर मुकदमा दर्ज करने तथा विभागीय जांच व कार्रवाई की मांग किया। अधिवक्ताओं का मांग पत्र लेने के बाद उच्चाधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि जिलाधिकारी से वार्ता कर इस मामले में उचित कार्रवाई होगी। लेकिन चार दिन बीतने के बावजूद इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं होने से अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ गया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के सामने जमकर धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की।अधिवक्ताओं ने साफ शब्दों में कहा जब तक तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नही होती है। उन्हें निलंबित नहीं किया जाता है, तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। 


क्रमिक अनशन पर बैठने वालों में जिलाध्यक्ष मदनलाल वर्मा के अलावा शिवजी सिंह, रामलाल सिंह, विजयप्रताप सिंह, हरिमोहन तिवारी, रुद्रदेव कुंवर, रामप्रकाश सिंह, श्यामबिहारी, कमलाकांत सिंह, मदन सिंह, रमेश सिंह, अरुण श्रीवास्तव, अजय सिंह सहित दर्जनों अधिवक्ता शामिल थे। आरोप है कि पूरी घटना अधिकारियों के सामने हुई है। इसमें जांच की गुंजाइश कहा है। कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कार्रवाई तत्काल नहीं हुई तो पूरे प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था ठप्प कर दिया जाएगा।


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