बहुत कमाल के होते हैं हालातों से टूटे हुए लोग।
सबको संभालते हैं मगर खुद ही बिखर जाते हैं.... खुद के सपनों के कब्रिस्तान पर बैठकर....।।
सबके सपनों को पूरा करने के लिए स्वयं को हार जाते हैं सुन लेते हैं अपनी कमियां और न की हुई गलतियां भी.।
पर खुद कहा किसी की शिकायत कर पाते हैं.... बहुत कमाल के होते हैं साहेब हालातों से टूटे हुए लोग... रोज बिखरते हैं और रोज़ संभल जाते हैं....।।
सुबक लेते हैं अपनी जिंदगी के साथ अकेले ही.. वो कहां अपने आंसुओं की नुमाइश कर पाते हैं....।
पर किसी अपनों को रोता देखकर स्वयं के हजारों ग़म भूल जाते हैं....।।
बड़े कमाल के होते हैं जनाब हालातों से सारे हुए लोग.....।
दिल से रोते हैं मगर लवों पर हमेशा मुस्कान रखतें हैं....।।
बिना ख्वाहिशों के जीते हैं....।।
सब्र का घूंट पीते हैं,ना लड़ते हैं ना झगड़ते हैं,बस मौन तमाशा देखते हैं... ।
कभी जीने की ख्वाहिश में मरते हैं.. कभी मरने के लिए जीते हैं...।।
बड़े कमाल के होते हैं दोस्त हालातों से टूटे हुए लोग..।
तिनका तिनका बिखरते हैं पर अपनों के लिए मुस्कुराते हैं।।🙏
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