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जाकिर हुसैन के नेतृत्व में मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों को किया गया सम्मानित

 


रिपोर्ट- मु० सरफराज


खबर जनपद बलिया से है जहा  डा ए पी जे अब्दुल कलाम बाल शिक्षा सेवा समिति के संस्थापक जाकिर हुसैन के नेतृत्व में 1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर    

दर्जनों मजदूरों को किया गया अंग वस्त्र से सम्मानित! जाकिर हुसैन ने बताया कि   

मजदूर दिवस 1 मई 1886 से मनाई जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हे मार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। "भरोसेमंद गवाहों ने तस्दीक की कि पिस्तौलों की सभी फलैशें गली के केंद्र की तरफ से आईं जहाँ पुलिस खड़ी थी और भीड़ की तरफ़ से एक भी फ्लैश नहीं आई। इस से भी आगे वाली बात, प्राथमिक अखबारी रिपोर्टों में भीड़ की तरफ से गोलीबारी का कोई ज़िक्र नहीं। मौके पर एक टेलीग्राफ खंबा गोलियों के साथ हुई छेद से पुर हुआ था, जो सभी की सभी पुलिस वाले तरफ़ से आईं थीं। चाहे इन घटनाओं का अमेरिका पर एकदम कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन कुछ समय के बाद अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। मौजूदा समय भारत और अन्य मुल्कों में मज़दूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित क़ानून लागू है। अंतरराष्ट्रीय मज़दूर आंदोलन, अराजकतावादियों, समाजवादियों, तथा साम्यवादियों द्वारा समर्थित यह दिवस ऐतिहासिक तौर पर केल्त बसंत महोत्सव से भी संबंधित है।इस दौरान द्विजेंद्र नाथ पांडे, अभिराज,अनिल सिंह,गणेश राम,पारसनाथ अमरनाथ गोंड ऐसे दर्जनों लोग रहे मौजूद।





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