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समुचित चिकित्सा के अभाव मे भाजपा के मण्डल अध्यक्ष की असामयिक मृत्यु सोच का विषय -गोपीनाथ चौबे



समुचित चिकित्सा के अभाव मे भाजपा के मण्डल अध्यक्ष का हृदयाघात से असामयिक मौत



चिलकहर (बलिया) मौत तो एक ध्रुव सत्य है जिसे लाख प्रयास के बाद भी टाला नहीं जा सकता है।हर व्यक्ति को वह एक दिन अपने आगोश मे ले ही लेती है। लेकिन मरने वाला व्यक्ति अगर अपनी गरीबी के कारण समुचित दवा न कराने के कारण असामयिक काल कवलित हो जाय, वह भी तब जब वह प्रदेश और देश मे सत्ता पर काबिज किसी राजनैतिक दल का मण्डल अध्यक्ष हो तो यह बहुत  सोचनीय कहा जा सकता है। 


 यह कहना है डाँ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक समिति के अध्यक्ष गोपीनाथ चौबे का। अपनी संवेदना व्यक्त करते श्री चौबे ने कहा कि विकास खण्ड रसड़ा के ग्राम पंचायत नशरथपुर निवासी शंकर दयाल पाण्डेय जो जीवन के लगभग 25 -30 बसंत ही देख पाये थे, वह ब्लाक रसड़ा पूर्वी के भाजपा मण्डल अध्यक्ष थे। हृदय रोग के मरीज थे। गरीबी के कारण वह अपना समुचित चिकित्सा कराने में सक्षम नहीं थे जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति दवा के अभाव मे नहीं मर सकता है।


श्री चौबे ने कहा कि अगर उनके पार्टी का कोई नेता या पदाधिकारी अपने छोटी ईकाई के पदाधिकारी के दवा कराने मे अभिरूचि लिया होता, तो हो सकता था वह व्यक्ति शायद आज भी हम लोगों के बीच मे जिन्दा होता।


श्री चौबे ने कहा कि गरीबी के कारण वह युवक अल्पायु मे अपने दो तीन वर्ष के नवजात शिशु पत्नी परिवार को रोता विलखता छोड मंगलवार को असीम की यात्रा पर निकल पडा था।


श्री चौबे ने कहा कि वह युवक जिस राजनैतिक दल का ब्लाक स्तरीय पदाधिकारी था उसी दल की प्रदेश की सरकार सत्ता पर काबिज है और उसका मण्डल अध्यक्ष गरीबी वश समुचित दवा न अभाव मे मर जाता हो तो वह सरकार सामान्य गरीब जनता को चिकित्सा सुविधा कैसे उपलब्ध करा सकती है।


श्री चौबे ने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि अपने दल के मण्डल अध्यक्ष के मरने पर उसके निराश्रित परिवार को कुछ आर्थिक सहयोग करने पर पार्टी एव़ प्रदेश सरकार को विचार करना चाहिए।

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