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बलिया की इस बेटी को लखनऊ में मिला नारी शक्ति सम्मान

 


गरीब महिलाओं को स्वालंबी बनाने की मुहिम में लगी रत्ना शुक्ला को मिला नारी शक्ति सम्मान 

बलिया डेस्क । 

बलिया जनपद के सिकन्दरपुर क्षेत्र स्थित ग्राम जेठवार में पली बढ़ी रत्ना शुक्ला को सामाजिक सेवा कार्यों के लिये राजधानी लखनऊ में   करुणा साहित्यक एव सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित काव्य सम्मेलन एव सम्मान समारोह में नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया ।





 मुख्य अतिथि दिनेश चंद्र अवस्थी , प्रवासी साहित्य कार सुरेश चंद्र (सरद शुक्ल आलोक ), लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष योगेंद्र सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भीष्म,अलका प्रमोद , एव संस्था की संस्थापिका एव अध्यक्ष  द्वारा समाज सेविका रत्न शुक्ला को अंग वस्त्र और प्रतीक चिह्न भेंट कर के सम्मानित किया गया कार्यक्रम का आयोजन शांति कुटी लक्ष्मण पूरी लखनऊ में संपन हुआ ।रत्न शुक्ला के साथ dr निर्मला सिंह,शीला शर्मा , बॉबी और रोमानी और नीलू त्रिवेदी को भी नारी शक्ति सम्मान से नवाजा गया ।

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध समाज सेवक एव सीनियर सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा पूर्व ने सम्मानित हुई महिलावो को बधाई और शुभ कामनाएं दी उन्होंने कहा कि नारी शक्ति समाज की दिशा और दशा को बदलने का समर्थ रखती है

घर परिवार से लेकर समाज के हर क्षेत्र में महिलाओ को सम्मान मिलना चाहिए और उनके अच्छे कार्यों की सराहना की जानी चाहिए

 संस्था के  स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महिला सम्मान समारोह में  पांच महिलाओं को सम्मानित किया गया । मुख्य अतिथि द्वारा रत्ना शुक्ला को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया और उनके सामाजिक सेवा सरोकार की सराहना की गई । 

रत्ना शुक्ला दिव्यांग महिला हैं जिन्होंने अपने पारिवारिक जीवन में बहुत संघर्ष किया है । रत्ना ने निजी जिंदगी की समस्याओं से आगे निकल कर हर एक चुनौती को अपनी ताकत बनाकर गरीब महिलाओं को आगे बढाने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्र की नारी शक्ति को एकजुट करके एक संघटन बनाया और जनपद बलिया के सिकन्दरपुर क्षेत्र  में  ग्रामीण अंचल के विकास और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया , महिलाओं के विकास के लिये वे उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। 

रत्ना ने गरीब बच्चों की बेहतर के लिये निःशुल्क आनंद की पाठशाला शुरू किया है। बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत रत्ना घर घर अलख जगा रही हैं ।इनके प्रयास से महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिले हैं  मशरूम की खेती , मुर्गी पालन जैसे व्यवसाय उपलब्ध हुए हैं ।

रत्ना के प्रयास से ग्रामीण महिलाओं के आत्मबल को अत्यधिक बल मिला है , दिन प्रतिदिन नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की शक्ति प्राप्त हुई है । आर्थिक सशक्तिकरण के जरिये महिलाओं ने अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मविश्वास और     सम्मान पूर्वक जीवन जीना सीख लिया है । रत्ना शुक्ला महिला चौपाल के जरिये गाँव की महिलाओं को घरेलू हिंसा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं । 

रत्ना शुक्ला के प्रयास से गाँव की महिलाओं के जीवन को विकास की नई राह मिली है ।

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