ऋषि मुनियों की वेद भूमि एवं ज्ञान भूमि भारत में एक बेटी बनकर पैदा होना शायद हज़ारों जन्मों के सत्कर्म फल से ही संभव हो सकता है।
देश के माननीय प्रधानमंत्री ने जिस उद्देश्य से काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र का उद्घाटन करते हुए कल्पना की थी कि आने वाले युवा अपने सनातन के विज्ञान को विश्व पटल पर रखेंगे वो आज पूर्ण होने के रूप में दिख रहा है। हमारे यहाँ होने वाले पूजा पाठ, मंत्र एवं अनुष्ठान में विज्ञान निहित है।
कभी कल्पना भी नहीं किया था कि मुझे वैदिक विज्ञान जैसे विषय में शोध करने का अवसर मिलेगा और मेरा शोध पत्र UGC से मान्यता प्राप्त किसी अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका (International Research Journal) में प्रकाशित भी होगा।
मंदिरों में एवं पूजा अनुष्ठानों में होने वाले "अभिषेक" के शास्त्र के बारे में मेरे द्वारा लिखी गयी शोध पत्रिका
"अभिषेक विज्ञान"
INSIGHT : International Multilingual Journal for Arts and Humanities (Peer Reviewed and referred : ISSN : 2582-8002) - University Research Publications के February 2022 के अंक में प्रकाशित हुआ।
जिसका एक कॉपी वैदिक विज्ञान केंद्र के समन्वयक एवं मेरे गुरु व मार्गदर्शक आदरणीय प्रो.उपेंद्र कुमार त्रिपाठी गुरूजी जी एवं श्री. पवन कुमार मिश्र सर के कर कमलों में देकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस कार्य को पूर्ण कारने में मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद देने के लिए आदरणीय प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय गुरुजी को भी कोटिशः नमन।
अपने सनातन धर्म, वेद विज्ञान के मार्ग पर ये मेरा पहला कदम है और मैं अपने देश के संस्कर, संस्कृति एवं वैदिक ज्ञानों की शिक्षाओं को नवयुवाओं के बीच प्रचार, प्रसार एवं इस तरह के शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आगे भी काम करते रहूँगी।
नेहा सिंह
छात्रा- वैदिक विज्ञान केंद्र
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर
0 Comments