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रसड़ा विधायक एवं BSP विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह नें कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाली व शिक्षा मित्रों के नियमितीकरण का विधानसभा सत्र में उठाया मुद्दा


लखनऊ, उत्तर प्रदेश। (बसन्त पाण्डेय/इमरान खान)पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने एवं शिक्षा मित्रों के नियमितीकरण को लेकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रसड़ा के लोकप्रिय विधायक एवं बसपा विधानमण्डल दल के नेता उमाशंकर सिंह नें बहुत ही जोरदार तरीके से विधानसभा में मामला उठाया।

उन्होंने नें सदन का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि, इस समय उत्तर प्रदेश के जो कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति 2004 के बाद में हुई उनको जो पुरानी पेंशन देने की पेंशन प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में बंद कर दी गई है। तथा सरकार कह रही है कि हमनें राज्य कर्मचारियों के हित में फैसला लिया है। 

परन्तु कर्मचारियों ने कहा है कि नहीं हमें आपकी जरूरत नहीं है हमें हमारी पुरानी पेंशन बहाल किया जाए, तो मुझे लगता है कि राज्य सरकार को इस मामले में कोई परहेज नहीं होना चाहिए। 

इसमें दो तरह के फैसले लिए गए हैं उसी विभाग में जो कर्मचारियों की नियुक्ति 2004 से पहले हुई है उनको पुरानी पेंशन पहले की तरह दिया जाएगा। 

लेकिन उसी विभाग में जिन कर्मचारियों को 2004 के बाद नियुक्ति हुई है उनको पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त करके उनको कह दिया गया है कि अब आपके पैसे किसी प्राइवेट बैंक में जमा कर दिए जाएंगे। उस पैसे का जो लाभ मिलना है वह शेयर बाजार के हिसाब से मिलेगा अगर शेयर बाजार उठता है तो उसका लाभ मिलेगा अगर वह कंपनी डाउन होती है तो उसका नुकसान होगा। परंतु राज्य कर्मचारियों का कहना है कि हमें जो पुरानी पेंशन है उसको बहाल किया जाए। 

अपनें सम्बोधन में उन्होंने नें नियम 51 का हवाला देते हुए कहा कि मैं एक अत्यन्त ज्वलन्त एवं जनहित के विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुये सदन को यह अवगत कराना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा मित्रों की नियुक्ति की गयी थी तथा विगत 21 वर्षो से यह शिक्षा मित्र लगातार अपनी सेवायें देते चले आ रहे हैं परन्तु आज तक उन्हें  उचित मानदेय नहीं दिया जा रहा है और न ही उनको स्थायी ही किया गया। 

जिससे उनके परिवारों के समक्ष इस भीषण महंगाई में आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय होने के कारण उनके बच्चों की शिक्षा दीक्षा एवं भरण पोषण भी नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने अविलम्वनीय उत्तर प्रदेश में विगत 21 वर्षों से लगातार कार्यरत शिक्षा मित्रों को स्थायी करते हुए उन्हें उचित वेतनमान उपलब्ध कराये जाने हेतु शासन से कार्यवाही व्यक्त करनें की मांग की। 

नियम 301 के अन्तर्गत उन्होंने विधान सभा रसड़ा (बलिया) से होकर गुजरने वाली टोंस नदी के किनारे बना रिंग बंधा जो गाजीपुर जनपद से होते हुए कहा कि मैं एक अत्यन्त ज्वलन्त एवं जनहित के विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुये सदन को यह अवगत कराना चाहता हूँ कि विगत सत्र में दिनांक 18-10-2021 को नियम 301 अन्तर्गत निम्नलिखित सूचना स्वीकृत हुयी थी परन्तु इस पर आज तक किसी भी प्रकार के सर्वे आदि की कार्यवाही नहीं की गयी है। 

जिसमें विधान सभा रसड़ा अन्तर्गत बहने वाली टोंस नदी में प्रतिवर्ष बाढ़ के समय यहां के कृषकों को भारी तबाही का सामना करना पड़ता है। 

क्योंकि टोंस नदी में गाजीपुर से जनपद बलिया तक बने रिंग बधे में दो जगह 500-500 मीटर का गैप छोड़ दिये जाने की वजह से इसी रास्ते बाढ़ का पानी ग्रामसभा सरायभारती, अतरसुवा, मुस्तफाबाद, कोप, खजुहा, बेसवान, तिराहीपुर, प्रधानपुर, फिरोजपुर, कोडरा, मिर्जापुर, लखुआ, जेवनिया आदि गांवों में फैल जाता है। 

तथा यहां की कृषि भूमि जलमग्न होने के साथ कारण इन सभी गांवों का अस्तित्व भी खतरे में है जो कि कभी भी कटान की वजह से टोंस नदी में विलीन हो सकते हैं। 

यही नहीं इन गांवों के किनारे वर्षों पूर्व ठोकर आदि का निर्माण भी कराया गया था परन्तु विगत 10-12 वर्षो से इन पर कोई भी अनुरक्षण कार्य न किये जाने के कारण यह सभी ठोकरें अपनी उपयोगिता खो चुकी हैं। 

उन्होंने जनहित एवं लोक महत्व के इस अविलम्बनीय विषय पर विधान सभा रसड़ा के टोंस नदी में प्रतिवर्ष आने वाले बाढ़ के गम्भीर संकट को देखते हुए अघूरे रिंग बघे को इस वर्ष वर्षाकाल से पूर्व शीघ्र पूर्ण कराने के साथ ही साथ पुराने ठोकरों के अनुरक्षण के साथ आवश्यकतानुसार नई ठोकरों का निर्माण किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश शासन से कार्यवाही की मांग की।

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