झाड़ी में मिली नवजात बच्ची,समाजसेवी ने अस्पताल पहुँचाया
सिकन्दरपुर (बलिया)रिपोर्ट/इमरान खान/मनीष गुप्ता। "जाको राखे साइयां,मार सके ना कोय" जी हां कुछ इसी तरह का मामला प्रकाश में आया है जहां उत्तर प्रदेश के सिकन्दरपुर तहसील अंतर्गत आने वाले खेजुरी थाना क्षेत्र के हथौज गांव में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना को अंजाम दिया गया है, जहां एक माँ नें अपनी ममता का गला घोंटते हुए नवजात को इस सर्द रात में मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया।
वहीं उक्त नवजात बच्ची के मिलने की सूचना सुनते ही खेजुरी थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार तत्काल अपने हमराहियों संग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेजुरी पहुंच गए तथा बच्ची के स्वास्थ्य सम्बंधि जानकारी प्राप्त की तथा जरूरी कागजी कार्यवाही भी किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की तड़के सुबह हथौज गांव निवासी मनोज उपाध्याय रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक (टहलने) के लिए निकले थे, वह जैसे ही गांव के हनुमान मन्दिर के समीप पहुंचे वहाँ उन्हें एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी।
रोने की आवाज सुनकर जब झाड़ियों में जाकर देखा तो एक बच्ची काटों में खून से लतफथ पड़ी थी।जिसे उठाकर वह पहले अपने घर ले आए तथा उसे गर्म कपड़े में लपेटकर,अपने एक अन्य साथी के साथ इलाज हेतु समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेजुरी लेकर पहुंच गए।
जहां पर चिकित्सकों नें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उस बच्ची को जिला अस्पताल बलिया के लिए, रेफर कर दिया।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ रत्नेश कुमार ने बताया की बच्ची को एन आई सी यू की आवश्यकता थी।इसलिए उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया।
जिस बच्ची को पैदा होते ही मां ने फेक दिया,उसकी मां बनने को सैकड़ों नें बढ़ाया हाथ।
उक्त घटना के सम्बंध में मनोज उपाध्याय नें जैसे ही शोसल मीडिया प्लेफॉर्म (फेसबुक) वीडियो फोटो डाला कि सैकड़ों महिलाओं के फोन व कमेंट आने लगे कि बच्ची को हमें दे दिया जाए। हम इसकी लालन पालन करेंगे परन्तु बच्ची के कानूनी रूप से किसी को दिया जाए इस इच्छा के साथ मनोज उपाध्यक्ष नें मामले को पुलिस के संज्ञान में दे दिया जिसपर SO खेजुरी नें स्वयं पहुंच कर कागजी कार्यवाही करके सदर अस्पताल के लिए भेज दिया।
क्षेत्र के लोग इस मानवीय कार्य के लिए मनोज उपाध्याय की भूरी भूरी प्रसंशा करते नजर आए।इस अवसर पर अतुल कुमार राहुल सहित अन्य ग्रामवासी मौजूद थे।
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