दरगाह आला हज़रत/ताजुश्शरिया
बरेली ।।
19-11-2021
काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती में दरगाह पर सजाई गई ग्यारहवीं शरीफ़ की महफिल।
सरकार गौस-ए-आज़म का क़दम तमाम वालियों की गर्दनो पर है -मुफ्ती नश्तर फारूकी
ग्यारहवीं के मौके पर बड़े पीर शेख अब्दुल कादिर जिलानी बगदादी गौस-ए-पाक की महफिल दरगाह ताजुश्शरीया के सज्जादानशीन एवं काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती और जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां की सदारत व जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फ़रमान मिया की देखरेख में दरगाह ताजुश्शरिया पर सजाई गई।
जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया ग्यारहवीं शरीफ़ की महफिल का आगाज़ सुबह 11 बजे मौलाना शम्स रज़ा ने कुरान शरीफ की तिलावत से किया। नातख्वा नईम रज़ा तहसीनी और मुज़फर रज़ा बरेलवी ने गौस-ए-पाक की शान में नात-ओ-मनकबत का नजराना पेश किया।
तकरीर मरकज़ी दारूल इफ्ता के वरिष्ठ मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने गौस-ए-पाक की करामातें बयान करते हुए कहा सरकार गौस-ए-आज़म का क़दम तमाम वालियों की गर्दनो पर है। गौस-ए-पाक तमाम वालियो के सरदार है। जो अपने मुरीदो के लिए इशार्द फरमातें है, जब तक मेरा एक-एक मुरीद जन्नत में नही चला जाए तब तक अब्दुल कादिर जन्नत में नही जाएगा।
जिनके हुजर-ए-पाक में एक चोर चोरी की नियत से आया तो वक़्त का कुतुब बन गया। फिर फातिहा हाफिज अब्दुल सत्तार रज़ा ने शिज़रा सैय्यद कैफ़ी अली ने पढ़ा। मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अजहरी ने कौम की तरक्की व खुशहाली और त्रिपुरा के मुसलमानों और मस्जिदों की हिफाज़त के लिए खुसूसी दुआ की।
इस के बाद सलातो सलाम का नजराना पेश किया गया। महफिल का संचालन मौलाना शम्स रज़ा ने किया। दरगाह ताजुश्शरिया पर 02 बजे जुमे की नमाज़ काज़-ए-हिंदुस्तान ने अदा कराई। अंत में लोगो को तोशा शरीफ़ का तबरूकात तक्सीम किया गया।
इस मौके पर हुस्साम मिया, हुम्माम मिया, हाजी युनूस, नदीम सुब्हानी, समरान खान मोईन खान, डॉक्टर मेंहदी हसन, शमीम अहमद, अब्दुल्लाह रज़ा खां, अतीक अहमद हशमती, मोईन अख्तर, सैय्यद सैफ़ अली कादरी, बख्तियार खां, इरफान हुसैन, गुलाम हुसैन, मौलाना आबिद नूरी, मौलाना निज़ाम, नावेद आलम, आदि लोग मौजूद रहें ।।
मीडिया प्रभारी
जमात रज़ा-ए-मुस्तफा
दरगाह आला हजरत।
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