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आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी स्वयं भगवान शंकर जी के अवतार थे, इसलिए उनकी मूर्ति का अनावरण नहीं अपितु प्राण प्रतिष्ठा होती है- पूनम पांडेय




बलिया ! (डेस्क न्यूज़)आज रविवार, को उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी (पूर्वी जोन) की प्रदेश महासचिव पूनम पांडेय ने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा श्री केदारनाथ धाम में आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण पर प्रश्नचिन्ह लगाती हुई कहीं की, ईश्वर स्वरूप आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा या अनावरण होना चाहिए..?

 भगवान आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद्  देती हूं, लेकिन यह मात्र एक राजनैतिक पार्टी के राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी का अपमान है, आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी स्वयं भगवान शंकर जी के अवतार थे, इसलिए उनकी मूर्ति का अनावरण नहीं अपितु प्राण प्रतिष्ठा होती है ! 

इसलिए ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की परंपरा का अपमान किया गया है। ऐसे खुले आसमान के नीचे भगवान आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण भी उचित नहीं है। इससे पूर्व में भी कई पूज्य जगद्गुरु श्री शंकराचार्य ने भगवान आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की समाधि स्थल का पुनः  निर्माण कराए थे ,और उनकी परंपरा को आगे बढ़ाने वाले चारों पीठों के श्री शंकराचार्यगणों को इस अवसर पर निमंत्रित क्यों नहीं किया गया।

आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी द्वारा घोषित चारों पीठों के पूज्य श्री शंकराचार्य गणों का सम्मान करने के बजाय नकली शंकराचार्यों व सत्ता लोभी साधु संतों एवं विद्वानों को घुमाना बंद किया जाए। आज सनातन धर्म शास्त्रों, मूर्तियों पूजा पद्धतियों, त्योहारों आदि पर जिस तरह हमले हो रहे हैं, उससे भी प्रचंड हमला तब हो रहा था उस समय आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी ने ठीक उस तरह सनातन धर्म को उबार लिया था, जैसे भगवान श्री विष्णु जी ने वाराह जी के रूप में समुंद्र में डूबी पृथ्वी माता को उबार लिए थे। 

"धर्मो रक्षति रक्षितः" बिना धर्म को जाने आप धर्म की रक्षा नहीं कर सकते हैं, और जब तक आप धर्म की रक्षा नहीं करते, धर्म आपकी रक्षा नहीं करेगा। कलयुग में आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी साक्षात धर्म बनकर अवतरित हुए थे ,अतः उन्हें जानिए और उनके बताए मार्ग पर चलिए, धर्म आपकी रक्षा करेगा।

 अन्यथा रावण भी महान विद्वान और बाहुबली तथा ज्ञानी के साथ शिवभक्त भी था, परंतु राजसत्ता  के मद में मनमानी और शास्त्र विरुद्ध कार्य किया था, उसका परिणाम जगजाहिर है ।      

भवदीया-श्रीमती पूनम पांडेय,प्रदेश महासचिव,उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी (पूर्वी जोन)लखनऊ।  दिनांक:07/11/2021.

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