रिपोर्ट/सनोज कुमार
सिकन्दरपुर,बलिया। कठौड़ा गोली कांड प्रकरण में पुलिस द्वारा मुकदमा किए जाने के बाद मंगलवार को माया तिवारी के गोद लिए पुत्र नें सिकन्दरपुर के SDM व पुलिस कप्तान के नाम वीडियो वायरल करवाया है।
वायरल वीडियो में अपना परिचय सिद्धार्थ तिवारी पुत्र स्वर्गीय सुदामा तिवारी माता माया तिवारी के रूप में देते हुए कहा है कि, मेरे मामा लोग मेरे प्रॉपर्टी के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं।
मेरे मामा सिद्धेश्वर राय, दिग्विजय राय,अटल राय,अनुज राय,पटेल राय, धनु राय,लक्की राय,राजू राय आदि लोग मेरे संपत्ति के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं।
बताया है कि मेरी माता जी स्वास्थ्य विभाग में एएनएम हैं और कुछ संपत्ति मेरे नाम से है कुछ संपत्ति मेरी मां के नाम से है, करोड़ों की संपत्ति है। वह लोग मेरी करोड़ों की संपत्ति के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं।
मेरे मामा लोगों नें 8 महीने पहले मेरी मां को अगवा कर लिया और मेरी मां का दिमागी सन्तुलन खराब है। ये लोग 8 महीने से मुझे मेरी मां से मिलने नहीं दे रहे हैं।
सूत्रों से मुझे पता चला कि ये लोग मेरी माँ को काटकर फेक दिए हैं। तो कुछ लोगों को लेकर मैं अपनी मां से मिलनें गया तो मेरे मामा बताए थे कि बैठकर पंचायत होगा बात चीत होगा।मैं कुछ लोगों को लेकर बात करने गया तो वे लोग इधर उधर भाग रहे थे।
उसके बाद हमने SHO साहब को फोन किया था तो साहब हम से कह रहे हैं कि वहां पर गुंडा लेकर गए हो, लेकिन मेरा यह तो कोई इरादा नहीं था बस मुझको मेरी मां से मिलना था कि मेरी माँ जी रही है कि मर गई है।
बताया है कि 3 महीने बाद वह रिटायर होने वाली है जिसमे ₹5000000 उनको फंड मिलने वाला है उसी लिए वह लोग मेरी मां को इधर-उधर लेकर भाग रहे हैं और अपने कब्जे में रखे हैं। मुझे मेरी मां से मिलने नहीं दे रहा है।बात तक नहीं करने दे रहे है।
और कल जब हम गए बात करने और प्रशासन भी आया था मेरे कुछ मित्र लोग दरवाजा खटखटा रहे थे परन्तु वह लोग दरवाजा नहीं खोल रहे थे।
उसके बाद प्रशासन ने हम लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिससे वहां से हम लोग को भागना पड़ा और एक और मित्र था उसको मेरे मामा के लड़कों नें गोली मारकर हत्या कर दिए हैं।कुछ लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर करके जैसे भी अपने घर पहुंचे।
उसने एक और वीडियो वायरल करते हुए बताया है कि यह व्यक्ति है जिसका हम वीडियो आप को दिखाएं यह मेरी जान के पीछे पड़ा है और मेरे मामा के लड़के और कुछ और लोग मेरी जान के पीछे पड़े हैं।
मैं थाने पर भी बहुत बार गया अपना दरखास दिया हर एक चीज दिया लेकिन थाने में भी कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा है।
कहा है कि उपजिलाधिकारी तथा SP साहब से निवेदन है कि हमको कुछ भी होता है या हम गायब हो जाते हैं या मेरा मर्डर हो जाता है या कुछ भी हो जाता है तो मामा लोगों पर कार्रवाई होगी।
कहा है कि मेरे मित्र को गोली है उसपर सख्त कार्रवाई हो उसका जांच बैठाया जाए और और मेरे द्वारा भेजे गए रिकॉर्डिंग सुनी जाए जिसमें
अनुज राय मेरे मित्र को प्रलोभन दे रहे थे कि यह लोग मेरे को उसके हवाले कर दे मेरे को जान से मारने की कोशिश करें और इसमें प्रशासन भी और मेरे मामा लोग दोनों लोग मिले हुए हैं ।
जो मेरे मित्र को गोली लगी है उस पर उन लोगों के खिलाफ थाने में कुछ लोग बंद है, उन लोगों में कोई दोष नहीं है। मेरे मित्र लोगों को बाहर किया जाए ,दोषी मेरे मामा के लड़के है।
उसने अधिकारीयों से निवेदन किया है कि मेरी मां से मुझे मिलाया जाए, ये लोग मेरी माँ को मार दिए कि क्या किए ये भी मुझको पता नहीं है।
इनसेट-
पुत्र के मार पीट से तंग आकर माया देवी नें उच्च अधिकारियों से की थी शिकायत
सिकंदरपुर तहसील अंतर्गत ग्राम बड़सरी पोस्ट साहोडीह, निवासी माया देवी नें अपने पाले हुए पुत्र सिद्धार्थ के खिलाफ, फरवरी माह 2021 में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि जिस लावारिस बच्चें को अपना दिल का टूकड़ा बनाकर ममता के शाए में परवरिश की ,आज वहीं बेटा बड़ा हुआ तो मुझे अहमियत देने के बजाये मेरे लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
माया देवी नें बताया था कि सन 2000 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नन्द महर तहसील मुसाफिरखाना जिला सुल्तानपुर में एएनएम के पद पर कार्यरत रहते हुए।ड्यूटी जाने के दौरान उन्हें यह लावारिस शिशु मिला था।नि:संतान होने के नाते उस बच्चें को भगवान का आशीर्वाद समझकर बड़े अरमान के साथ अपना नाम दिया। उसका नाम सिद्धार्थ उर्फ लखन रखा।
बड़े प्यार दुलार से उस लावारिस का पालन-पोषण भी किया। उसे इंटरमीडिएट कराया।
और वहीं बालक जब बड़ा हुआ तो आपराधिक प्रवृति एवं असमाजिक तत्वों से मिलकर समाज विरोधी व कानून विरोधी कार्य करनें लगा।
इस कृत्य से मना करने पर लखन ने मुझ बूढी की पिटाई कर अपाहिज बना दिया। और मेरी संपत्ति पर कब्जा करनें के लिए प्रताड़ित करने लगा।
वहीं पीड़िता माया कुमारी ने न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि अगर उसका पाला हुवा पुत्र किसी भी अपराधिक कृत्य व लेनेदेन करते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी।
उसने अपने उपर हो रहे जुल्म को लेकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीजीपी एंव मुख्यमंत्री से रक्षा एवं न्याय की गुहार भी लगायी थी।
इनसेट-
पुलिस ने मौके से करीब एक दर्जन दुपहिया वाहन कब्जे में लेने के साथ ही मृतक के भाई गुंजन शर्मा की तहरीर पर सात नामजद तथा 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना सुरु कर दिया।
बताया जाता है कि सिकन्दरपुर कस्बे के मोहल्ला मिल्की ( उपाध्याय कालोनी ) निवासी माया कुमारी राय पत्नी स्वर्गीय सुदामा तिवारी कठौड़ा निवासी अपने भाई सिद्धेश्वर राय के यहां रहने ।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ बार-बार माया देवी को वहां से लाने का प्रयास कर रहा था। परंतु किसी कारण वश वह नहीं आ रही थी।
इस दौरान सोमवार की शाम को सिद्धार्थ दर्जनों लोगों को ले कर कठौड़ा पहुंच गया और अपनी मां को घर ले जाने के लिए माया राय के भाई पर दबाव बनाने लगा। किन्तु वे लोग किसी कीमत पर उन्हें भेजने को तैयार नहीं थे। इस दौरान सिद्धार्थ के साथ गए दर्जनों लोगों और माया राय के परिवार वालों के बीच वाद-विवाद बढ़ता गया। जिसको देख सिद्धेश्वर राय का लड़का शांतनु राय द्वारा 112 डायल कर पुलिस को बुला लिया गया। पुलिस ने किसी तरीके से सबको वहां से भगाया।
जिससे वहां आए युवक अपने बाइकों को छोड़कर भाग गए। पुलिस के अनुसार गांव में ही योगेंद्र वर्मा के घर के समीप किसी अज्ञात के द्वारा मनीष को गोली मार दी गई, जिससे उसकी वहीं पर मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया तथा पोस्टमार्टम हेतु,रात में ही जिला अस्पताल भेज दिया।
दत्तक पुत्र तथा संपत्ति को लेकर हैं विवाद
प्रभारी निरीक्षक सुभाष यादव ने बताया कि यह मामला दत्तक पुत्र तथा संपत्ति को लेकर शुरू हुआ है। अज्ञात लोगों के द्वारा युवक को गोली मारी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के अन्य कारणों का पता चल सकेगा। पुलिस ने सात नामजद व 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा पांच लोगों को हिरासत में लेकर छानबीन शुरू कर दिया है।
कहीं न कहीं तथ्य को छुपाती नजर आ रही है पुलिस वहीं इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में शुरू हुई चचाओं की मानें तो कठौड़ा गांव में सोमवार की रात युवक की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में स्थानीय पुलिस भी कहीं न कहीं तथ्य को छुपाती व दबाती नजर आ रही है।
कारण कि जिस समय दरवाजे पर युवकों की भीड़ लगी थी, उस समय पुलिस वहां मौजूद थी। यदि पुलिस ने प्रयास किया होता और वहां मौजूद युवकों को पहले ही हिरासत में लेकर कार्रवाई शुरू कर दिया होता तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं घटित हुई होती तथा उक्त मृतक युवक की जान भी बच सकती थी।
0 Comments