सिकन्दरपुर , बलिया।। केंद्र और प्रदेश सरकार आम जन को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चाहे जितना प्रयास करे लेकिन आम आदमी का शोषण कम नही हो रहा है।
तहसील की स्थिति इन दिनों सिनेमा हॉल का टिकट या सट्टा बाजार जैसी हो गयी है। यहाँ पर ई-स्टाम्प विक्रेता अपनी मनमानी कर रहे हैं।
निगरानी के अभाव में स्टाम्प विक्रेता बेख़ौफ़ हो कीमत से अधिक मूल्य पर स्टाम्प बेचने का काम कर रहे हैं। पीड़ितों ने बताया कि 10 रुपये का स्टाम्प 100 रुपये और 50 रुपये का स्टाम्प 150 में बेचा जा रहा है। जबकि 100 रुपये के स्टाम्प के बदले 300 रुपये वसूला जा रहा। इनकी लूटखसोट से गांव की भोली भाली जनता परेशान हैं। मजबूरी बस उन्हें निर्धारित कीमत से कई गुणा अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा है।
जबकिं नियम के मुताबिक स्टाम्प राशि में ही इनका कमीशन निश्चित रहता है। बावजूद वेंडर एक ही स्टॉम्प के अलग-अलग कीमत वसूल रहे हैं। हैरत की बात यह है कि स्टाम्प वेंडरों की मनमानी से अवगत होने के बाद भी तहसील प्रशासन मौन है।
वहीं आम जनता में सवाल उठने लगे हैं इस संबंध में हरदिया निवासी दिग्विजय सिंह ने बताया कि स्टांप विक्रेता भोली भाली जनता से प्रतिदिन दोगुने से अधिक पैसा लेते हैं लेकिन तहसील में बैठे अधिकारी इस बारे में कभी नहीं सोचते किकोड़ा निवासी हरिंदर पासवान ने बताया आम जनता के हित के लिए बैठे अधिकारियो को केवल अपने सुविधा से मतलब रहता है।
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