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अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ताओं में है आक्रोश




सिकन्दरपुर, बलिया।। अघोषित बिजली कटौती से आम जनता को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिन रात मिलाकर 8 से 10 घंटे तक बिजली की हो रही है कटौती।

सबसे बुरा हाल कस्बा फीडर का है। बिजली गायब रहने से कई घरेलू काम काज ठप पड़ जा रहे हैं। आम जन्ता के अनुसार बिजली सप्लाई में बिना कोई सूचना के ही कटौती की जा रही है। बिजली कटौती से लोगों को घर से बाहर टहल कर ही रात बितानी पड़ जा रही है।

बिजली की सप्लाई न मिलने से व्यापारी व बिजली उपभोक्ता परेशान है। हर समय बिना कोई सूचना के कई घंटों तक बिजली गुल रहती है। दिन में दो से चार घंटे की अघोषित कटौती से कई दुकानदार व उपभोक्ताओं को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग रोस्टर के अनुसार बिजली सप्लाई नहीं कर रहा है। लो वोल्टेज की समस्या अलग है, बिजली आती तो तेज है मगर धीरे-धीरे करके 100 वोल्ट हो जाता है।

एक तरफ गर्मी तो दूसरी तरफ बिजली से संबंधित कई काम काज लोगों का बिजली कटौती से जीना दुश्वार कर दिया है। ऐसे में बिजली का न होना मुसीबत बढ़ा देता है। यही नहीं कभी सुबह के समय बिजली गुल रहने से पानी की विकट समस्या खड़ी हो गई है।लोगों ने जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों से मांग की है कि बिजली की समस्या का समाधान कर लोगों को राहत पहुंचाई जाए।

इनसेट-

गैरहाजिर रहते हैं जय साहब-

कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि शिकायत लेकर जाने पर जेई साहब का कहीं भी अता पता नहीं रहता है हफ्ते दिन से जेई साहब आए तक नहीं है उनका मोबाइल फोन भी बंद रहता है।


इनसेट-

जर्जर हो गए हैं तार

नगर पंचायत के अधिकतर खंभों पर के तार जर्जर हो गए आए दिन कहीं ना कहीं पर तार टूट कर गिरते रहते हैं हर समय लोगों के ऊपर खतरा बना रहता है। लोगों को थोड़ा बहुत जो बिजली मिल रही है उसमें लो बोल्ट की समस्या से कोई भी कामकाज नहीं हो पा रहा है ना सही ढंग से पानी भरा जा सकता है ना ही पंखे चल सकते हैं बिजली कटौती लो वोल्टेज की वजह से लोगों को जाग कर रात बितानी पड़ रही हैं।


सपा नेता जितेश कुमार वर्मा ने कहा है कि मनमाने तरीके से बिजली कटौती किए जाने से उपभोक्ताओं में काफी सारा आक्रोश भर गया है, बिजली का बिल भरने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली के मामले में सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल है।
बिजली के आने-जाने का कोई भी समय फिक्स नहीं है कि कब बिजली आएगी और कब जाएगी। यही हाल रहा तो उपभोक्ता भी अपने पैसे का हिसाब मांगना शुरू कर देंगे। कि कितना पैसा लिया और कितना बिजली दिया।

रिपोर्ट:- सनोज कुमार गौतम

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