रिपोर्ट: अशोक कुमार सिंह
उत्तर प्रदेश जनपद बलिया मे शासन-प्रशासन चाहे जितना प्रयास कर ले लेकिन बलिया जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली सुधारने का नाम नहीं ले रही है। जनपद की 6 तहसीलों में तहसील सिकंदरपुर अपनी अलग पहचान बना कर चर्चा का विषय बना हुआ है।
वैसे तो इस व्यवस्था में पूरे जनपद में इंस्पेक्टर का राज चलता है लेकिन सिकंदरपुर तहसील में तैनात इंस्पेक्टर श्री दुर्गा नंद यादव का कोटेदार पर धौश जमा कर प्रताड़ित करना, और पैसों की वसूली का हमेशा चर्चा में रहते हैं।
इनके भ्रष्टाचार से तंग आकर विकास खंड पंदह की जनता ने शिकायत कर इनको पंदह से हटवा दिया यह जनाब कहने को तो नौकरी छोटी सी करते हैं लेकिन चार चक्के की गाड़ी चलाते हैं लेकिन चार चक्के की गाड़ी, कीमती मोबाइल का शौक पाल रखें ,और अक्सर किसी न किसी दुकान के निलंबित कर पैसे की वसूली की जाती है।
जिससे उनके प्रति कोटेदारों से लेकर जनता तक काफी आक्रोश देखा जा रहा है। वैसे तो कोई भी अधिकारी और कर्मचारी बलिया आना नहीं चाहता लेकिन जो आ जाता है वह आ जाता है।
वह जाने का नाम भी नहीं लेता वैसे तो यह दुर्गा नंद यादव पड़ोसी जिले मऊ के रहने वाले हैं और 5 वर्ष से भी अधिक समय से कुंडली मारकर बलिया में हैं। एक कोटेदार ने नाम नहीं बताने पर कहा मेरी दुकान 2019 में निलंबित कर दिया और बहाली के नाम पर ₹80000 लेकर बहाल कर दिया था।
पंदह ब्लॉक इन के चार्ज में था तो लोग पंदह ब्लॉक में पढ़ने वाली ग्राम सभा पुर जिसमें 5 दुकान हैऔर प्रति मास ₹50,000 की वसूली दुकानदारों से करते थे। अगर ऐसे ही लोग इस नौकरी में है तो शासन चाहे जो भी कर ले, कोई सुधार नहीं होने वाला है।
दुकानदारों को निकासी के समय पैसे देने पड़ते हैं मजदूरों को 5 कुंटल 10 कुंटल देना पड़ता है। वजन पूरा नहीं किया जाता है।
उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए शासन का ध्यान इस तरफ आकर्षित है।अशोक कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार अध्यक्ष महाराणा प्रताप सेना बलिया।
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