सिकन्दरपुर,बलिया। सिकन्दरपुर नगर पंचायत में साप्ताहिक बंदी बेअसर हो गई है। व्यापारियों में प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। खुलेआम नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाने पर भी विभाग की चुप्पी संदेह के घेरे में है।
जिलाधिकारी बलिया के आदेशनुसार सोमवार को सिकन्दरपुर बाजार में साप्ताहिक बंदी का दिन सुनिश्चित किया गया है (पहले शुक्रवार को बंद होती थी दुकानें)।
इस दिन आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य संबंधित प्रतिष्ठान बंद रखे जाते हैं, लेकिन सोमवार को नगर पंचायत क्षेत्र की लगभग 60 फीसद से अधिक प्रतिष्ठान खुले रहते हैं।
सिकन्दरपुर में विगत कुछ हफ्ते से साप्ताहिक बंदी के दिन विभाग की ओर से किसी तरह का अभियान नहीं चलाया गया,जिससे व्यापारियों में कानून का खौफ बना रहे।
आलम यह रहा कि सिकन्दरपुर कस्बे स्थित एक मॉल में जब पत्रकारों ने पूछा कि साप्ताहिक बन्दी होने पर प्रतिष्ठान खुली क्यों है तब कुछ काम का बहाना मॉल संचालक बनाने लगा जब यह पूछा गया कि ग्राहक क्यों है, तब वह दुकानदार पत्रकारों से उलझने लगा, तथा देख लेनें की बात कही।कहा कि जो उखाड़ना हो उखाड़ लीजिए।
वहीं कुछ दुकानदारों नें तो स्थानीय प्रशासन को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि,एक चादर और एक जैकेट लेकर खुलवाते हैं दुकान।
वहीं शॉपिंग मॉल के बगल के एक रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी का कहना है कि बन्दी के दिन मॉल के खुले होनें से हमारे वर्षो पुरानें ग्राहक भी उधर चले जाते हैं, इसलिए मजबूरन हम लोगों को भी अपनी दुकान खोलनी पड़ती हैं।
वहीं एक जूता व्यवसायी भी सत्ता की हनक दिखाते हुए अपनीं दुकान खोले रखनें को सही ठहराया।
अन्य दुकानदारों का यह कहना है कि ऐसे में बन्दी को सफल कैसे माना जाय हम लोग दुकान बंद रखते है तथा ऐसे लोग खोल कर नियम की धज्जियां उड़ाते हैं।
स्थानीय प्रशासन का ध्यान क्यों इस तरफ नहीं जा रहा है।
रिपोर्ट- अरविन्द पाण्डेय
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