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लावारिस की मां बनकर दी नई जिन्दगी, आज वहीं बेटा मां के लिए बना परेशानी का सबब



मोहम्मद सरफराज,बलिया ब्यूरो

बलिया। उत्तर प्रदेश जनपद बलिया के ग्राम बड़सरी पत्रलय साहोडीह,  माँ कहने को तो शब्द बहुत छोटा है पर इस शब्द की गहराई को कोई नाप नहीं सकता है| हम दुनिया के लिए बेसक कुछ भी नहीं है पर हर इन्सान अपनी माँ के लिए सब कुछ होता है एक औरत अपनी जिन्दगी अपने बच्चे अपने परिवार के लिए समर्पित कर दे और बदले में प्यार के सिवा कुछ ना मांगे वो सिर्फ एक माँ हो सकती है।

एक माँ का दिल ही इतना बड़ा हो सकता है। लेकिन इस कलयुग में कुछ बालक ऐसे है भी है जो दौलत के लिए अपनी मां पर बोझ बने है। जिस मां ने एक लावारिस बच्चें को अपना दिल का टूकड़ा बनाकर ममता के शाए में परवरिश की ,आज वहीं बेटा बड़ा हुआ तो उसी मां को मां की अहमियत देने के बजाये उस बूढी मां के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। 


जी हां एक ऐसा ही मामला बलिया जनपद के सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र के ग्रामसभा कठौरा की है। 

जहां कि माया कुमारी पत्नी स्व. सुदामा तिवारी सन 2000 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नन्द महर तहसील मुसाफिरखाना जिला सुल्तानपुर में एएनएम के पद पर कार्यरत थी।

 ड्यूटी जाने के दौरान उन्हें एक लावारिस शिशु मिला। महिला ​नि:संतान होने के नाते उस बच्चें को भगवान का आशीर्वाद समझकर बड़े अरमान के साथ बच्चे को अपना नाम दिया। 

उसका नाम सिद्धार्थ उर्फ लखन रखा।

बड़े प्यार दुलार  से उस लावारिस का पालन-पोषण किया। उसे इंटरमीडिएट कराया। 

वहीं बालक जब बड़ा हुआ तो आपराधिक प्रवृति एवं असमाजिक तत्वों से मिलकर समाज विरोधी व कानून विरोधी कार्य करनें लगा।

 इस कृत्य से मना करने पर लखन ने बूढी मां की पिटाई कर उसे अपाहिज बना दिया। अब वह उसकी संपत्ति पर कब्जा करनें के लिए मां को प्रताड़ित कर रहा है।

वहीं पीड़िता माया कुमारी ने न्यायालय में हलफनामा देकर कहा है कि अगर  उसका पाला हुवा पुत्र किसी भी अपराधिक कृत्य व लेनेदेन करता है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी। 

उसने अपने उपर हो रहे जुल्म को लेकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीजीपी एंव मुख्यमंत्री से रक्षा एवं न्याय की गुहार लगायी है।

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