बलिया। चित्तू पांडेय जी की 126वी जयंती चित्तू पांडेय सेवा संस्थान के तत्वावधान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुवे मनाई गई
चंद्रशेखर पांडेय ने कहा कि चित्तू पांडेय जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे। उन्हें 'बलिया का शेर' के नाम से जाना जाता है। उन्होने १९४२ में बलिया में अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। १९ अगस्त १९४२ को एक 'राष्ट्रीय सरकार' की घोषणा करके वे उसके अध्यक्ष बने जो कुछ दिन चलने के बाद अंग्रेजों द्वारा दबा दी गई। यह सरकार बलिया के कलेक्टर को सत्ता त्यागने एवं सभी गिरफ्तार कांग्रेसियों को रिहा कराने में सफल हुई थी। सागर सिंह राहुल ने कहा विपरीत परिस्थितियों में भी जिस धैर्य व साहस से भारत को स्वतंत्र कराने की लड़ाई लड़ी व पूरे भारत मे सबसे पहले बलिया को आजाद करवाया जो अनुकरणीय है चित्तू पांडेय जी हम सब के दिलो में सदा जीवित रहेंगे ।
पुष्प अर्पित करने वालो में- सत्यप्रकाश उपाध्याय मुन्ना,करुणानिधि तिवारी,जैनेन्द्र पांडेय मिंटू,धीरेंद्र ओझा,अब्बुल फैज, उपस्थित रहे....
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