बैरिया,बलिया।श्री खप्पड़िया एक ऐसे महान संत थे जिन्होंने विश्व कल्याण बहुत कठोर तपस्या किया । श्री खप्पड़िया बाबा द्वारा गया भगवन्नाम संकीर्तन का मंत्र आज भी कलयुग के लिए सबसे बड़ी साधना है।यह महामंत्र दुनिया के किसी भी असम्भव कार्य को सम्भव करने में समर्थ है ।
उक्त उदगार श्री हरिहरानंद जी महाराज के है जो शुक्रवार को श्री खप्पड़िया के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित रुद्रद्वय महायज्ञ के समापन पर उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे ।उन्होंने कहा कि कली काल के कुप्रभावों से बचने के ' राम ' नाम से बड़ा कोई अस्त्र नही है ।स्वामी जी ने कहा कि जिस तरह संकीर्तन चल रहा है वैसे ही रामचरित्रमानस का पाठ भी निरन्तर चलना चाहिए ।
खपड़िया बाबा आश्रम संकीर्तन नगर (श्रीपालपुर) पर शुक्रवार के दिन बृहद भंडारा सम्पन्न हो गया।जिसमें तीस हजार से अधिक लोग प्रसाद ग्रहण किये।
बतादे कि खपड़िया बाबा के 35 वे निर्वाण दिवस के अवसर पर महान सन्त हरिहरा नन्द जी महाराज के निर्देशन में महारूद्र द्वय यज्ञ किया गया था जिसकी पूर्णाहुति बृहस्पतिवार के दिन ही कर दिया गया था यज्ञ के मुख्य यजमान पूर्व ब्लाक प्रमुख कन्हैया जी व धर्मबीर उपाध्याय रहे वही इनके साथ ही दर्जनों लोग यजमान रहे।वही दर्जनों की संख्या में यज्ञाचार्य रहे ।समापन के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की सुबह 7बजे से ही लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। और श्रद्धालुओं के गगनभेदी खपड़िया बाबा की जय,हरिहरा नन्द स्वामी जी की जय के नारो से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया।
हजारो की संख्या में प्रसाद खिलाने की तैयारी के लिए बृहस्पतिवार के रात से ही दर्जनों की संख्या में बिभिन्न गांव से आये हलवाइयों ने बुंदिया शब्जी पूड़ी बनाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया था । सुबह 9 बजे श्री खप्पड़िया बाबा के समाधि का आरती स्वयं श्री हरिहरानंद जी ने दर्जनों पुरोहितों व महायज्ञ के यजमानों के साथ किया, करीब ग्यारह बजे से ब्राह्मण भोजन के साथ ही भंडारा खिलाने का कार्यक्रम शुरू हो गया।वहीं दिन भर हजारो की संख्या में पुरुष महिला श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में यज्ञ स्थल का परिक्रमा कर पूण्य अर्जित करते रहे।
25 सितम्बर 2019 से प्रारम्भ हुआ था 108 दिवसीय रामचरित्र मानस पाठ जो 132 दिन तक लगातार चल रहा है । स्वामी हरिहरानंद जी की इच्छा है कि इसे भी संकीर्तन की तरह अनवरत जारी रखा जाय ।
श्री खप्पड़िया बाबा आश्रम संकीर्तन नगर में लगभग 18 वर्षों से चल रहा है शाश्वतखण्ड संकीर्तन ।
0 Comments