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इस पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने इस मांग को लेकर अपने खून से पत्रक लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा

बैरिया। सबके लिए समान शिक्षा की मांग को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य राधेश्याम यादव ने अपने खून से लिखकर पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। 

अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्व व वर्तमान सांसद व विधायक अपने परिवार के बच्चों को जिस तरह की शिक्षा दिलाते हैं, उसी तरह से वह अपने कार्यकर्ताओं व मतदाताओं के बच्चों को भी शिक्षा दिलाने की व्यवस्था करें। अन्यथा वह सरकारी सुविधा छोड़े। श्री यादव ने ऐसा न होने पर एक जुलाई 2020 को संसद भवन के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों से सबको एक समान शिक्षा के लिए अलख जगा रहे हैं। इसी क्रम में जयप्रकाशनगर से दिल्ली तक साइकिल यात्रा, दिल्ली में रेलवे स्टेशन से संसद भवन तक दंडवत यात्रा व देश के सभी मुख्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों व मंत्रियों को इस संदर्भ में जरूरी कदम उठाने के लिए पत्रक देकर आग्रह कर चुके हैं। बावजूद इसके कोई भी जिम्मेवार लोग इस बाबत मुंह खोलने को तैयार नहीं है। राधेश्याम यादव ने बताया कि इस देश की शिक्षा में दो तरह की व्यवस्था अगर समाप्त नहीं की गई, तो मेरे जिंदा रहने का कोई अर्थ नहीं है। ऐसे में आगामी एक जुलाई को मैं संसद भवन के समक्ष आत्मदाह कर लूंगा। शायद मेरे मरने के बाद इस दिशा में सरकार सोचे।

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