बलिया। जिला सहकारी बैंक बेल्थरारोड में शाखा प्रबंधक और कैशियर की मिलीभगत से वर्ष 2010 से 2014 के बीच करीब ढाई करोड़ रुपए छात्रवृत्ति के धन के आहरण के मामले में नया मोड़ आ गया है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा द्वारा छात्रवृत्ति घोटाला करने वाले संबंधित विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्य को नोटिस भेजने के बाद पुलिस में धन गबन करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के लगभग दो दर्जन से अधिक माध्यमिक और महाविद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्य द्वारा वर्ष 2010 और 14 से 2014 के बीच जिला सहकारी बैंक बेल्थरारोड में छात्रों के नाम से फर्जी खाता खोलकर तत्कालीन शाखा प्रबंधक रियाजुद्दीन अंसारी और कैशियर हीरामन राम की मिलीभगत से छात्रों के 4897 खातों से दो करोड़ 51 लाख 79 हजार 61 रुपए निकाल लिए गए। मामला प्रकाश में आने के बाद लेखा परीक्षक दिलीप कुमार यादव द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट में छात्रवृत्ति के धन का गबन और वित्तीय अनियमितता पाई गई। लेखा परीक्षक द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए 12 फरवरी 2015 को शाखा प्रबंधक हरिश्चंद्र यादव, ऋण पर्यवेक्षक सूर्यनाथ यादव और हीराचंद राम की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई। इस मामले में जिला सहकारी बैंक के सचिव द्वारा तत्कालीन शाखा प्रबंधक और कैशियर के खिलाफ 26 दिसंबर 2015 को उभांव थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को सौंप दी गई। इस मामले में निरीक्षक शिवाकांत तिवारी, मुख्य आरक्षी और विनीत कुमार पांडेय की टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने क्षेत्र के पालचंद्रहा ताड़ीबड़ागांव निवासी हंसनाथ यादव को बलिया शहर से पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान हंसनाथ ने बताया कि शाखा प्रबंधक और कैशियर की मिलीभगत कर चार लाख 11 हजार रुपए का भुगतान प्राप्त किया था। सेक्टर स्तर पर गठित जांच टीम द्वारा आरोपियों की धरपकड़ की कार्रवाई तेज कर दी गई है। जिससे छात्रवृत्ति का धन गबन करने वाले विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों में हड़कंप की स्थिति है।
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