जिद पे अड़ना हित में लड़ना बलियाटिक पहचान है । धोती, कुर्ता,लिट्टी-चोखा भूजा सत्तू बलिया जिले की शान है ।
बलिया, उत्तर, प्रदेश। बलिया जिले के 140वें जन्मदिन पर शहीद पार्क चौक में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए साहित्यकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बलिया जिले को बलिया राष्ट्र कहते थे , उन्होंने कहा था कि एक राष्ट्र के अपनी भाषा, संस्कृति , भोजन, भू-भाग होता है ये सारी चीजें बलिया जिले के पास हैं । बलिया जिले की स्थापना 01नवम्बर 1879 को हुई थी । इसके बाद देश में 01नवम्बर को ही मध्यप्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पं0 बंगाल एवं केंद्र शासित पांडिचेरी, चंडीगढ़ का गठन हुआ था, ये सभी प्रदेश आयु में बलिया जिले से छोटे हैं । डॉ गणेश कुमार पाठक ने कहा कि जिले का विकास इसके योगदान के अनुरुप नही हुआ ।कवि रमाशंकर मनहर ने कहा बलि की राजधानी खन्दानी बलिदानी भूमि । भोजपुरी भूषण नंदजी नंदा ने गाया प्रान के हथेली पर ले के जहाँ के जवान घूमें । डॉ जितेन्द्र स्वाध्यायी, अब्दुल कैस तारविद्, डॉ फतेहचंद बेचैन, नवचंद तिवारी ने काव्य पाठ किया । पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता, बद्री विशाल जी, भानु प्रकाश सिंह बबलू, अशोक कुमार पाठक, योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता, विनोद तिवारी, धीरेन्द्र शुक्ल, शिवमंदिर शर्मा, राकेश सिंह, सागर सिंह राहुल, राजेश गुप्ता महाजन, शैलेन्द्र सिंह आदि ने संबोधित किया । अध्यक्षता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के जिलाध्यक्ष विजय कुमार मिश्र ने किया ।
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