सिकन्दरपुर, बलिया।ईदमिलादुन्नबी का त्यौहार क्षेत्र भर में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर कौमी लोगों ने एक तरफ जहां जगह-जगह जुलूस निकालकर भाईचारे का पैगाम दिया। वहीं दूसरी तरफ पर्व के मौके पर चारो ओर रौनक नजर आई।वहीं तहसील क्षेत्र के कई गांव में कौमी लोगों ने जुलूस मुहम्मदिया निकाला।इस जुलूस में गांव के नवजवानों ने खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
ईदमिलादुन्नबी (बारावफात) पर्व को लेकर कौमी लोगों में पखवारे भर से तैयारी चल रही थी। इस दिन को कौमी लोग इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। रविवार को पर्व के मौके पर फूलों की नगरी सिकन्दरपुर में विभिन्न मोहल्लों से भव्य जुलूस निकाला कर पूरे नगर में भ्रमण किया गया। जुलूस के माध्यम से लोगों को आपसी भाईचारे व सौहार्द का संदेश दिया गया। इस दौरान कौमी लोगों ने जन-जन को भाईचारे का पैगाम दिया। जगह जगह पर जुलूस को रोक रोक कर लोगों द्वारा मिठाइयां भी बांटी गई।
इस दौरान लोग इस्लामी झंडा लेकर पैगम्बर मोहम्मद साहब के प्रति समर्पित दिखे।नन्हे मुन्ने बच्चे भी छोटे छोटे इस्लामिक झंडे अपने हाथों में लेकर लहरा रहे थे ।अंत में सभी मोहल्लों के जुलूस दरगाह पर पहुंचा जहां पर सलाम पढ़ा गया ततपश्चात दरगाह शाहवली कादरी के सज्जादानसीं सैय्यद सेराज अजमली प्रोफेसर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के जीवन पर तक़रीर(प्रकाश डाला) किया तथा लोगों को उनके बताए गए रास्तों पर चलनें को कहा।
जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में अकीदतमंदों ने हर मोहल्लों से जुलुश निकाला। इस मौके पर हर मोहल्लों से हजरत मोहम्मद साहब की शान में नातिया कलाम पढ़ते हुए जुलूस मोहल्ला डोमनपुरा में इकट्ठा हुवा, जहां पर मोहल्ले वासियों द्वारा आए हुवे सभी मोहल्लो के लोगों ने फूल मालाओं से स्वागत किया युवाओं द्वारा आतिशबाजी की गई।ततपश्चात हाफिज हामिद ने तक़रीर की फिर एक बार पुनः सभी मोहल्लों के जुलुश को वहां से प्रस्थान कराया गया।जो मोहल्ला चादनी चौक, मोहल्ला इद्रिसिया मोहल्ला मिल्की,मियां जी का चौक,चौक बाजार, मोहल्ला गन्धी,मोहल्ला भिखपुरा,मोहल्ला बड्ढा होते हुवे दरगाह के मैदान में जाकर समाप्त हुवा।
सुरक्षा की दृष्टि से उपजिलाधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग, सीओ पवन कुमार,एसओ बालमुकुंद मिश्रा,चौकी प्रभारी अमरजीत यादव,अपने हमराहियों के साथ शुरू से लाष्ट तक डटे रहे।
इस दौरान सैय्यद सेराज अजमली,सैयद जाफर हसन अजमली, सैयद जियाउद्दीन अजमली,सैयद कमर हसन अजमली,अल्हाज शेख अहमद अली उर्फ संजय भाई, नजरुल बारी,मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी, मौलाना रामजी यादव ,कबाल हिंदी,हाजी शेख वसी अहमद,भीष्म चौधरी, खुर्शीद अहमद ,आले अहमद,फैजी अंसारी, इम्तियाज अंसारी ,सुब्हान रिज़वी, मोहम्मद असलम, सरफराज अहमद,शोएब खान, सैफुल्ला अहमद, शब्बू खान, सेराज कुरैशी, लड्डन भाई,रामजी यादव,जावेद ईकबाल अंसारी,संजय जायसवाल,तहसीन असरफ आदि लोग मौजूद रहे।
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