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12 रबी उल अव्वल के मौके पर 50 वर्षों से होता हैं जनाना व मर्दाना मिलाद-सैयद मिनहाजुद्दीन आजमली








सिकन्दरपुर, बलिया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12 रबी उल अव्वल के मौके पर 12 दिनों तक चलने वाला जनाना व मर्दाना मिलाद के तीसरे दिन भी उमड़ी अकीदत मंदों की भारी भीड़।




शनिवार को हुई इस मिलाद व नात ख्वानी में इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा के जीवन काल में किए गए कार्यों के बारे में लोगों को तकरीर के माध्यम से विस्तार पूर्वक समझाया गया। सर्वप्रथम शाम को महिलाओं द्वारा घर के अंदर जनाना मिलाद पढ़ा गया तत्पश्चात मिला खत्म होते ही बाहर की तरफ मर्दाना मिलाद की शुरुआत की गई इस दौरान नात ख्वाहों ने हजरत मोहम्मद के ऊपर लिखी हुई नातों को पढ़कर समा बांध दिया अंत में दरगाह शाह वली कादरी के सज्जादा नशीन सैयद मिनहाजुद्दीन अजमली द्वारा फ़ातिहा पढ़ी गई और मुल्क की सलामती की दुआ मांगी गई।




 इस अवसर पर सैयद मिनहाजुद्दीन आजमली ने बतलाया कि यह सिलसिला पिछले 50 वर्षों से दरगाह शाह वाली कादरी में चलता आया है, इसकी शुरुआत 50 साल पहले हमारी अम्मी के द्वारा जनाना मिलाद के रूप में की गई थी। उन्हों नें कहा कि हर साल जब 12 रवीउल अव्वल का चांद दिखाई देता है तो एक रवीउल अव्वल से 12 रवीउल अव्वल तक रोजाना जनाना व मर्दाना मिलाद शरीफ, नातख़्वानी व फातिहा होता है।

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