रामलीला मैदान में राम ने किया रावण का वध, रंग बिरंगी आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र, गली मोहल्लों में बच्चों ने जलाए रावण के पुतले बलिया। जिले भर में दशहरा का पर्व मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। रामलीला मैदान में चल रही रामलीला के दौरान जहां दशानन के विशालकाय पुतलों का दहन किया गया, वहीं गली मोहल्लों में बच्चों ने रावण के पुतले फूंके और आतिशबाजी छोड़ी। रामलीला मैदान भी पुुतला दहन के बाद आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मेले में भारी भीड़ रही। श्री शुभनगर रामलीला कमेटी के तत्वावधान में रामलीला मैदान दशहरा के अवसर पर पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसे देखने के लिए शाम से ही यहां लोग जुटने लगे थे। पुतला दहन के समय तक यहां पैर रखने को भी जगह नहीं बची थी। शाम साढ़े आठ बजे रामलीला का मंचन मेला परिसर में शुुरू हुआ। यहां भगवान राम और रावण की सेना आमने सामने युद्ध के लिए तैयार थीं। प्रभुराम ने विभीषण को एक बार फिर रावण को समझाने के लिए भेजा, लेकिन रावण ने माता सीता को लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान को मेघनाद से युद्ध के लिए भेजते हैं। रण भूमि में मेघनाद और लक्ष्मण का भीषण युद्ध होता है। घनघोर युद्ध के बाद लक्ष्मण मेघनाद का वध कर देते हैं। रावण को जब मेघनाद की मृत्यु का समाचार मिला तो वह क्रोधित होकर रणभूमि में पहुंच गया। इसके बाद भगवान राम और रावण का भीषण युद्ध होता है। रावण अपनी माया से भगवान राम का ध्यान भटकाना चाहता है, लेकिन प्रभुराम उसकी हर माया का खंडन कर देते हैं। इसके बाद विभीषण के कहने पर प्रभु राम ने रावण की नाभि पर वार किया। एक ही बाण ने रावण के प्राण हर लिए। रावण का वध होते ही भगवान राम के जयकारे गूंजने लगे। रावण के वध के बाद मेला परिसर में लगे मेघनाद और रावण के पुतलों का दहन किया गया। पुतला दहन के बाद आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। आसमान रंग बिरंगी आतिशबाजी से चमकने लगा, जिसे देखने वाले मंत्रमुग्ध हो गए।
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