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12 से 22 अक्टूबर तक चलाया जाएगा टी०बी० रोगी खोज अभियान





By-इमरान खान

बलिया,जिले में टी०बी० रोगी खोज (टीबी एक्टिव केस फाईंडिंग) अभियान 12 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इस क्रम में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कैंप कार्यालय पर समस्त पुनर्रीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आर०एन०टी०सी०पी०) के स्टाफ की बैठक का आयोजन किया गया। 

इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० के०डी० प्रसाद ने बताया इस अभियान के तहत पूरे जिले की 10 प्रतिशत आबादी को लक्षित किया जाएगा। इसके लिये 185 टीमें बनाई जाएंगी। हर पांच टीम पर एक सुपरवाईजर तैनात किया जाएगा। प्रत्येक टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा जो पूरे जनपद में घर-घर भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष टी०बी० के मरीजों को चिन्हित करने का कार्य करेंगे और एक सप्ताह के अंदर नए टीबी मरीजों को दवा शुरू करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक मरीज को निक्षय पोषण योजन के अंतर्गत 500 रुपया प्रतिमाह मरीज के खाते में जब तक उनका उपचार होगा, भुगतान किया जाएगा। 
क्या होता है क्षय रोग?
टी०बी० को क्षय रोग कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो कि ‘माइक्रोबैकटीरियम ट्यूबरक्लोसिस’ बैक्टीरिया के कारण होती है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। फेफड़ों में होने वाली टी०बी० को पल्मोनरी टीबी कहा जाता है और जब यह शरीर के किसी दूसरे भाग में होती है तो इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता हैं। जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति बोलता, खांसता या छींकता है तब उसके साथ संक्रामक ड्रोपलेट न्यूक्लाइड उत्पन्न होते हैं, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
बैठक में डॉ एके स्वर्णकार, जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) आशीष सिंह, डीपीपीएमसी विवेक सिंह, डीपीटीसी अरुण सिंह, 16 ब्लॉकों के एस०टी०एस०, एस०टी०एल०एस० व टीबी एचवी उपस्थित थे।

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