सिकन्दरपुर,बलिया।21जनवरी।नगरा मार्ग के किकोढा मोड़ भडीकड़ा चट्टी पर सोमवार को ट्रक की चपेट में आकर 16 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई।जबकि 5 वर्षीय बालिका घायल हो गई।सूचना पा कर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु बलिया भेज दिया है। दुर्घटना के बाद भडीकड़ा के ग्रामीणों ने नगरा सिकन्दरपुर बन्द कर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा-बुझा कर किसी तरह जाम को समाप्त कराया। भड़ीकड़ा के सहाई के डेरा गांव निवासी कु.सपना(16)पुत्री स्व.संजय कुमार अपनी फुफेरी बहन आरती(5)पुत्री कमलेश को साईकल द्वारा स्कूल छोड़ने जा रही थी । वह जैसे ही गांव का सम्पर्क मार्ग छोड़ कर नगरा मुख्य मार्ग पर पहुंची कि नगरा की तरफ से खाद लाद कर आ रही ट्रक न.यू.पी.65 आर 9245 की चपेट में आ गईं।जिससे सपना की घटना स्थल पर ही मौत और आरती बुरी तरह से घायल हो गई।दुर्घटना होते ही ट्रक के चालक और खलासी उससे नीचे उतर कर भागने लगे।उसी दौरान आनन- फानन में मौके पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई।चालक व खलासी को भागता देख भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने दौड़ा कर उन्हें पकड़ लिया।साथ ही जमकर धुनाई के बाद उन्हें बैठा कर ईंट पत्थर से वार करके ट्रक के शीशे आदि तोड़ दिया।इस दौरान कुछ लोग जीवन की आशा में सपना सहित घायल आरती को
इलाज हेतु स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।जहां जांच के बाद डॉक्टर ने सपना को मृत घोषित कर दिया।जबकि घायल आरती का इलाज यहीं पर चल रहा है।उधर सपना के मौत की पुष्टि होते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए और वे शव को लेकर पुनः घटना स्थल पर पहुंच वहां जाम लगा दिए।इस दौरान सूचना पाकर उपजिलाधिकारी राजेश कुमार यादव,तहसीलदार जितेंद्र सिंह,कोतवाल राम सिंह व चौकी प्रभारी सत्येन्द्रकुमार राय भी मौके पर पहुंच गए।वहां अधिकरियों ने जामकर्ताओं से वार्ता एवं आश्वासन देकर जाम को किसी तरह से समाप्त कराकर शव को कब्जे में ले कर थाने ले आये।
चार भाई-बहनों में सपना दूसरे नंबर पर थी
सपना की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया।उसके गांव सहाई के डेरा सहित पास-पड़ोस के गांवों के लोगों में आज के चर्चा का विषय सपना की दर्दनाक मौत ही है। स्व.संजय के चार संतानों में सपना दूसरे नम्बर की थी। उसकी एक बड़ी व एक छोटी बहनें और एक सबसे छोटा भाई है। सपना की असामयिक मौत से परिवार में मातम का माहौल है। मां, भाई और बहनों के करुण क्रंदन से सांत्वना देने आने वाले लोगों का कलेजा फटने लग जा रहा है।उनके रुदन से लोगों की आंखें नम हो जा रही है।उनकी हालत देख लोगों के मुख से सांत्वना के दो बोल बमुश्किल निकल पा रहे है।
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सर्वाधिक आक्रोशित उसके गांव की महिलाएं थी।
गांव से दर्जनों की संख्या में पहुंचीं महिलाएं बार-बार उस खूनी ट्रक के सामने सड़क पर लेट जा रही थीं।जिससे दुर्घटना हुई थी।उनकी मांग मौके पर बड़े अधिकारी को बुलाने एवं मृतिका के परिजनों को 5 लाख रुपया मुआवजा देने की थी।उपजिलाधिकारी राजेश कुमार यादव ने जब देखा कि जामकर्ता बात सुनने वाले नहीं हैं।तो उन्होंने उन्हें समझाने के साथ ही सख्ती भी बरतना शुरू कर दिया।उनकी यह नीति काम आयी और ग्रामीण जाम हटाने पर राजी हुए।जाम हटते ही सबसे पहले पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे थाने भिजवाया।बाद में ट्रैक्टर मंगा कर उससे धक्का दिला कर ट्रक को पुलिस थाने ले गई।इस दौरान उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों को यह आश्वासन अवश्य दिया कि ट्रक के मालिक को बुलवा कर सपना के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
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