इस शब आधी रात के बाद हजरत आएशा (र0 अ0) की जब आँख खुली तो देखा की हुजूर अपनें बिस्तर पर मौजूद नहीं हैं। आपको फ़िक्र हुई तो आप अपनें घर से बाहर हुईं तो देखा की हुजूर (सo अo वo)मक्के की गलियों से होते हुए ।जन्नतुल बकी(कब्रिस्तान)तक पहुँचे और आपनें वहां उम्मत के मगफिरत की दुवा की।
हजरत आएशा नें पूछा की या रसूलल्लाह क्या मामला है जो आप जन्नतुल बकि गए ,तो हुजूर नें फ़रमाया की आज की रात ,,मगफिरत की रात है ।मैं जन्नतुल बकी गया और उम्मत के मगफिरत की दुवा की।
आज की शब(रात) एक फरिस्ता आसमानें अव्वल से निदा(आवाज) लगाती है, की है कोई बन्दा अपनीं मगफिरत और निजात चाहनें वाला
इन सारी बातों की जानकारी डाoसय्यद मिन्हाजुद्दीन अजमली दरगाह शाहवली कादरी नें एक प्रेस वार्ता में दी।
रिपोर्ट-इमरान खान
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