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प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरली छपरा में लैब टेक्नीशियनों की मनमानी से हलकान हो रहे मरीज



मुरलीछपरा/बलिया :- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा पर इन दिनों हीमोग्लोबिन की जांच के लिए नए-नए तकनीक अपनाए  जाने से रोगियों की परेशानी और बढ़ गई है। मरीज को जब चिकित्सक हीमोग्लोबिन जांच के लिए अस्पताल में भेजते है तो मरीज वहीं की व्यवस्था देख हतप्रभ रह जाता है। इस व्यवस्था में मरीज अपना हीमोग्लोबिन चेक करना से मना कर देते हैं और प्राइवेट लैबों में हीमोग्लोबिन जांच कराते हैं।
बता दें कि पीएचसी पर जब मरीज इलाज के लिए जाते हैं तो चिकित्सकों द्वारा दवाइयां लिख दी जाती है। रोग के आधार पर जब रोगी को हीमोग्लोबिन चेक कराकर लैब से आने की बात कही जाती है और रोगी वहां जाता है तो वहां व्यवस्था देखकर भौचक रह जाता है। लैब की टेक्नीशियन निडिल द्वारा अंगुली से खून निकालते हैं और सादे कागज पर ब्लड का सैंपल लेते हैं और सूखने के बाद कागज के बने प्रोफार्मा में बारी-बारी से लगाकर मिलाते हैं और अगर सेट नहीं करता तो बताते हैं कि इससे अधिक है और इससे कम। हो सकता है कि आपका हीमोग्लोबिन ठीक है, घबड़ाने की कोई बात नहीं है।
जब इस संबंध में टेक्नीशियन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो व्यवस्था उपलब्ध है इसके तहत संचालित किया जा रहा है। पहले केमिकल जिला मुख्यालय से आता था तो उससे जांच की जाती थी किंतु अब केमिकल नहीं आ रहा है, जिसके वजह से इस व्यवस्था के तहत काम चलाया जा रहा है।

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