हनुमानगंज /बलिया: 10 मार्च को 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मलेन में बलिया की हवा में रोजाना घुलने वाले जहर पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गयी। इस सम्मलेन को 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की ओर से श्री धनञ्जय राय, ओम प्रकाश मिश्र ने संबोधित किया। 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की इस रिपोर्ट को क्लाइमेट एजेंडा, स्पीड संस्था द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया.
बलिया के वायु प्रदूषण के गंभीर हालात पर यह रिपोर्ट जारी करते हुए ओम प्रकाश ने बताया कि जिले के 11 अलग अलग जगहों पर 28, 29 और 30 दिसंबर 2017 को हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों पी एम् 10 और पी एम् 2.5 को मापा गया।
रेलवे स्टेशन क्षेत्र में शाम के समय जो आंकड़े लिए गए, वो बेहद चौकाने वाले रहे। यहां पी एम् 10 कण अधिकतम 794 रहा जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में 16 गुणा ज्यादा प्रदूषित है। वहीं, पी एम 2.5 की मात्रा अधिकतम 497 रही जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 17 गुणा ज्यादा जहरीली है।
ओम प्रकाश ने बताया कि कुंवर सिंह चौराहा में पी एम् 10 एवं पी एम 2.5 की मात्रा क्रमशः 640 और 430 पायी गयी जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानकों की तुलना में 13 गुणा व 14 गुणा प्रदूषित है। उन्होंने बताया कि तीसरे नंबर पर बलिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र बलिया का अति प्रतिष्ठित चित्तु पाण्डेय चौराहा रहा, जहां पी एम् 10 और पी एम 2.5 की मात्रा अधिकतम 611 और 455 पायी गयी, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 12 गुणा और 15 गुणा हानिकारक है।
पीएम् 10 और पीएम् 2.5 के बारे में विस्तार से बताते हुए 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के स्थानीय संगठनकर्ता व स्पीड संस्था के निदेशक श्री धनञ्जय राय ने बताया कि यह कण सीधे मानव स्वास्थ्य के नुक्सान से जुड़े हुए हैं। पी एम् 10 कण धूल कणों से निर्मित होता है, जबकि पी एम् 2.5 कण का निर्माण कोयला, डीजल, पेट्रोल और कूड़ा जलने से होता है। इसमें, कई प्रकार के गैसों और सीसा, पारा, कैडमियम आदि भारी तत्वों की मौजूदगी रहती है। इसलिए, डाक्टरों और वैज्ञानिकों ने इसे हार्ट अटैक, कैंसर, अस्थमा, एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बताया है। वातावरण में मौजूद इन कणों के कारण ही श्वांस रोगी और अस्थमा के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान से जुड़े दोनों कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता के माध्यम से ऐसे गंभीर हालात से निपटने के तरीके सुझाए और केंद्र व राज्य सरकार से आग्रह किया कि इन सुझावों को अमल में लाये बगैर वायु प्रदूषण से निजात संभव नहीं है. 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश निरंतर सौर ऊर्जा, स्वच्छ इंधन, सार्वजनिक परिवहन की मजबूती, कचरा प्रबंधन और 100 प्रतिशत हरियाली की मांग कर रहा है. इन 5 उपायों को अपनाने के साथ साथ,एक क्षेत्रीय स्वच्छ हवा नीति बनाए जाने की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत यह निर्दिष्ट हो कि वर्तमान स्वास्थ्य आपातकाल जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार व नागरिकों की और से क्या क्या पहल की जानी चाहियें.
इस रिपोर्ट के माध्यम से वक्ताओं ने यह भी मांग कि बलिया में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वायु गुणवत्ता जांच के लिए कम से कम एक मशीन लगाई जाये,जिससे बलिया जिले के नागरिकों को यह पता चल सके कि वे कितनी प्रदूषित हवा में सांस लेने को विवश हैं.
0 Comments