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अपनी गर्दन फंसते देख ग्रामीणों के कंधे पर बंदूक रख चलाने का प्रयास कर रहे थानाध्यक्ष

 


ग्रामीणों को ढाल बना सच्चाई छुपाना चाह रही पुलिस

- लॉ एंड आर्डर छोड़ कूटनीति पर उतरे महाशय

बलिया, डेस्क। सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में अवैध शराब के कारोबार का सच उजागर होने के बाद स्थानीय पुलिस बिलबिला उठी है। आबकारी विभाग की कार्रवाई के बाद  सिकंदरपुर पुलिस की हालत "खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे" वाली कहावत चरितार्थ करती दिख रही है। चारो तरफ हो रही छीछालेदर से परेशान हो एसओ सिकंदरपुर अब लॉ एंड आर्डर छोड़ राजनीति और कूटनीति का रास्ता अपना रहे हैं। 

जिसका नजारा शनिवार शाम को कठौड़ा में देखने को मिला। इस दौरान एसओ अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों का ब्रेन वास करते नजर आए। कभी गांव की बदनामी तो कभी ग्रामीणों की दुहाई देकर ग्रामीणों को जबरदस्ती अपने पक्ष में करने का प्रयास किया गया। यही नहीं ग्रामीणों से सोमवार को एसडीएम को पत्रक देकर आबकारी विभाग की कार्रवाई को झूठा और मनगढ़ंत साबित करने का भी दबाव बनाया जाता रहा। हैरत की बात तो यह की एसओ की इस साजिश का मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। पुलिस के तांडव से भयभीत ग्रामीण अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। 

ग्रामीणों का कहना है की अपनी गर्दन फंसते देख एसओ ग्रामीणों के कंधे पर बंदूक रख चलाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि सब कुछ पाक साफ ही है तो आबकारी विभाग की कार्रवाई में कठौड़ा और लिलकर से ही सैकड़ो लीटर लहन और कच्ची शराब कहां से बरामद हो गई। यही नहीं चार दर्जन से अधिक भट्ठियों को नष्ट कर आबकारी विभाग के स्थानीय पुलिस की सह पर चलाए जा रहे रैकेट का भी भंडाफोड़ कर दिया था। लोगों ने बताया की ग्रामीणों को ढाल बनाने की बजाय एसओ कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान देते तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती।

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