नॉर्मल डिलीवरी को दी जाती है प्राथमिकता
जच्चा बच्चा से संबंधित जटिलताओं का शीघ्र पता लगाने को पार्टोग्राफ नामक विशेष तकनीक की ली जाती हैं मदद
बलिया डेस्क। फर्स्ट रेफरल यूनिट कहे जाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में लगभग 100 सफल ऑपरेशन कर चुकी महिला चिकित्सक डॉक्टर रूबी से पूछा गया कि आप कैसे निर्णय लेती है कि मरीज का ऑपरेशन करना पड़ेगा की नार्मल होगा। इसके जवाब में डॉक्टर रूबी बताया कि जब कोई मरीज डिलीवरी के लिए हमारे पास आता है तो अंदरूनी जांच के दौरान यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि नॉर्मल डिलीवरी हो पाएगा या नहीं।
उदाहरण के तौर पर अगर बच्चे का वजन बहुत ज्यादा है तो उसके सिर की गोलाई भी ज्यादा होगी कमर की हड्डी से निकलने के लिए अगर पर्याप्त जगह है तो नॉर्मल डिलीवरी होगा अगर पर्याप्त जगह नहीं है तो ऑपरेशन होगा।
उन्होंने बताया कि हमारे यहां अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी को प्राथमिकता दी जाती है इसके लिए हम पार्टोग्राफ नमक तकनीक की मदद लेते हैं जिसमें प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा से संबंधित जटिलताओं का शीघ्र पता लगाया जा सकता है इसकी शुरुआत गर्भाशय ग्रीवा( सर्विस) के 4 सेंटीमीटर फैलाव का रेखांकन करते हुए शुरुआत की जाती है अगर पहला बच्चा है तो 12 घंटे में दूसरा तीसरा बच्चा हो तो 8 घंटे के अंदर प्रसव हो जाना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो ऑपरेशन के लिए सुझाव दिया जाता है तथा जच्चा बच्चा के हित में ऑपरेशन कराना चाहिए।
अगर उपरोक्त अवधि के बाद भी नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रयास किया जाता है और नॉर्मल डिलीवरी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में जच्चा बच्चा दोनों खतरे में आ सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर प्रसूता में अत्यधिक रक्त श्राव बच्चेदानी का फटना बच्चेदानी का बाहर आना आदि समस्या पैदा हो सकती है।
उपरोक्त अवधि के बाद नार्मल डिलीवरी कराने पर नवजात में पैदा होने वाला खतरा- उन्होंने बताया कि उपरोक्त अवधि के बाद नार्मल डिलीवरी कराने से बच्चे का देर से रोना,बच्चे के सिर का लंबा होना, बच्चे की धड़कन ज्यादा या कम हो जाना,बच्चे में सांस संबंधी दिक्कतें आदि हो सकती हैं। इन बच्चों के बड़े होने पर झटका आने का भी एक कारण हो सकता है बच्चे के देर से रोने पर आगे जाकर बच्चे का मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए मेरे विचार से पार्टोग्राफी के अनुसार अगर ऑपरेशन की आवश्यकता पड़े तो करा लेना चाहिए जिससे जच्चा बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहेंगे और खतरा टल जाएगा।
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