रिपोर्ट-सार्थक राय
सिकन्दरपुर, बलिया। इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है, इस मौके पर एक तरफ जहां बड़े- बुजुर्ग और मुस्लिम महिलाएं रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं,वहीं छोटे बच्चे भी रोजा रखने के प्रयास में लगे रहते हैं, तथा अपनें माता पिता से रोजा रखने की जिद करते रहते हैं मगर उनकी मासूमियत व तबियत खराब होने के डर से माता पिता उन्हें रोजा रखने की सलाह नहीं देते।
मगर सिकन्दरपुर कस्बा के मोहल्ला डोमनपुरा निवासी पत्रकार नुरूलहोदा खान की 6वर्षीय पुत्री सिमराह नूर ने इसको सच कर दिखाया है,रमजान की पहली तारीख से रोजा रखने की जिद पे अड़ी सिमराह ने शुक्रवार चौथे रोजे को अपना पहला रोजा रखा।
वहीं सिमराह के रोजा रखने पर उसकी मां अदा बानों को खुशी तो थी मगर उन्हें उसकी तबियत की भी चिंता बनी हुई थी,उन्होंने नें सिमराह के इफ्तार के लिए पूरे दिन मेहनत कर उसके मनपसंद का तरह तरह का व्यंजन बनाया,वहीं सिमराह के पिता नुरूलहोदा खान ने बाजार जाकर उसके मनपंसद सामान की खरीदारी की।
आखिरकार शाम को मगरिब की अजान होने के बाद सिमराह नें इफ्तार करके अपने पहले रोजे को मोकम्मल किया,तथा दुवा मांगी।
सिमराह का कहना है कि वह आगे भी रोजा रखेगी।
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