इस अवसर पर अपना सेवाकाल का अनुभव साझा करते हुए सेवा निवृत्त हुए लेखाकार अतुल तिवारी ने कहा कि आज के दौर में सरकारी कर्मियों के काम करने के लिए सुविधाएं बढ़ी हैं लेकिन कर्मचारियों की काफी कमी हुई है। पहले लेखा के कार्य कागजों पर होते थे। जिसमें विवरण तैयार करने में कई—कई दिन लगते थे। मगर आज कम्पयूटर और इंटरनेट होने से सब कुछ सुविधा जनक हो जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब वे सेवा में आए तो बलिया ट्रेजरी में 75 कर्मियों का हाजिरी रजिस्टर होता था। आज महज 26 लोग रह गये है। कर्मियों की कमी से सभी को दिक्कत होती है।
लेखाकार अतुल तिवारी को कर्मचारियों ने अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें मंगलमय भविष्य एवं बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए विदाई दी। इस अवसर पर धर्मनाथ गोस्वामी, रामचंन्द्र, फकरे आलम, रमेश, दुर्गेश, सत्यभान, राजेन्द्र गुप्ता, राजन प्रकाश, सैलेन्द्र, आदि सभी कर्मचारियों ने अपना अनुभव साझा किया।
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