रिपोर्ट-आशुतोष कुमार मिश्रा
सिकन्दरपुर, बलिया। स्थानी तहसील क्षेत्र के मालदा चट्टी पर शुक्रवार की शाम को राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य)युवा जिला के अध्यक्ष अश्वनी सिंह के नेतृत्व में तथा दुष्यंत सिंह एवं संदीप सिंह की देखरेख में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में मालदह पुलिस चौकी के बगल से कैंडल मार्च जुलुश निकाली गई गई जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान कैंडलमार्च जुलूस में शामिल लोगों ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी व फांसी देने के लिए नारेबाजी की।
इस दौरान युवा भाजपा नेता संदीप सिंह नें कहा कि जिस तरह से कायराना हमला करते हुए सुखदेव दादा की हत्या की गयी है उसी तरह राजस्थान की सरकार हत्यारो को फांसी दे।
युवा जिलाध्यक्ष अश्विनी सिंह ने कहा की राजस्थान की सरकार ने सुखदेव सिंह गोगामेडी के हत्यारे को 72 घंटे के अंदर सजा देने के लिए आश्वासन दिया है जिस समय 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं अगर 72 घंटे के अंदर उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है तो हम लोग उग्र रूप करके आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे और जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
दुष्यंत सिंह आशुतोष राय आशुतोष सिंह सनी सिंह संदीप सिंह जय जय सिंह साहिल सिंह राकेश सिंह सत्येंद्र सिंह अश्वनी सिंह आशुतोष पांडे अंबर पांडे प्रवीन सिंह आयुष सिंह मोहित विश्वास पियूष अनूप मान जाए अभिषेक वीर सिंह रविंद्र सिंह देहल सिंह पवन सुमित सहित सैकड़ो युवा वर्ग इस कैंडल मार्च में शामिल हुए।
गोगामेड़ी कौन थे-
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे,इससे पहले लंबे समय तक वे राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे, विवाद के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया जो करणी सेना से अलग होकर बना था संगठन।
साल 2006 में सबसे पहले करणी सेना बनी थी। बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था,श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है। वहीं सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम का संगठन संभाल रहे थे।
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