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आखिर घटना के बाद समाजवादी पार्टी क्यों मुंह मोड़ लेती है अपने कार्यकर्ताओं से


बलिया डेस्क। शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिकन्दरपुर में चिकित्सको द्वारा बाहरी दवा व जांच लिखने के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक ने मोर्चा खोलते हुए 3 दिन का अल्टीमेटम देते हुए धरना देने की बात कहीं है। 

वही स्थानीय लोगो का कहना हैं की यह तो वर्षों से होता आ रहा है, फिर दो दिन का चार्ज लिए नवागत अधीक्षक को अल्टीमेटम देना लोगो को हजम नही हो रहा है। लोगो ने कहा की अभी कुछ दिन पहले ही जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर की व्यवस्था सुधारने के लिए एक प्रिंट मीडिया के पत्रकार द्वारा क्भरेज के दौरान कुछ अराजक तत्वों द्वारा हॉस्पिटल के अंदर कैंपस में ही पत्रकार पर हमला कर दिया गया था।उस समय के चिकित्सा अधीक्षक भी हॉस्पिटल में मौजूद  थे। 

उस घटना में क्षेत्रीय विधायक ने पूरे मामले पर चुप्पी क्यों साध रखी थी। अभी कुछ दिन पहले विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर कस्बे में ही अराजक तत्वों द्वारा हमला किया गया और तो और सीएचसी के अन्य कर्मचारियों के साथ भी अराजक तत्वों द्वारा मारपीट की घटना की गई और कुछ नेताओं ने तो अराजक तत्वों के पक्ष में जबरदस्त तरीके से पैरवी भी किया था। लेकिन सिकन्दरपुर की पुलिस ने उस समय भी अराजकता फैलाने  वालो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था लेकिन उस समय तो जनप्रतिनिधि अपना आंख बंद किए हुए थे। अब यह सवाल लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं समाजवादी पार्टी द्वारा अपने ही कार्यकर्ता से मुंह मोड़ लेना भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।


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