बलिया डेस्क। निजी अस्पतालों व झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा सीएचसी सिकंदरपुर को मरीज विहीन करने का काफी लंबे दिनों से प्रयास किया जा रहा है।
एक तरफ अपना अस्पताल चलाने के लिए वह सीएचसी सिकंदरपुर को बदनाम करने में लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ आए दिन किसी न किसी बहाने उनके द्वारा अस्पताल के चिकित्सकों व कर्मचारियों के साथ अपने लोगों को भेजकर दुर्व्यवहार कराया जा रहा है।
वही आशा बहुओं व कुछ सीएचसी कर्मचारियों को मिलाकर अपने यहां ऑपरेशन व इलाज कराने के नाम पर मोटी रकम मरीजों से वसूलने का काम किया जा रहा है। उसमें आशा बहू व अस्पताल के कर्मचारियों को भी मोटी रकम अस्पताल संचालकों द्वारा दी जा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में जब से सर्जन महिला चिकित्सक डॉ रूबी सर्जन डॉक्टर अंशुमान राय व एनैस्थिसिया के डॉक्टर डॉक्टर दिग्विजय सिंह की तैनाती की गई है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में उनके द्वारा ऑपरेशन किया जाने लगा है।
तब से प्राइवेट अस्पतालों व झोला छाप चिकित्सकों की दुकान बंद होने के कगार पर पहुंच गई है इसी से प्राइवेट अस्पताल के संचालक आशा बहु व संविदा कर्मचारी आए दिन सीएचसी सिकंदरपुर के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं।
आशा बहू की मिली भगत से दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे निजी अस्पताल
बात करें आशा बहुओं की तो ज्यादातर आशा बहु मोटी कमाई के चक्कर में अस्पताल के चिकित्सकों के बारे में मरीजों से दुष्प्रचार करके उन्हें बहला फुसलाकर निजी अस्पताल की तरफ आकर्षित कराते हैं जहाँ से निजी अस्पताल द्वारा तय की गई धनराशि लेकर वहां से रफूचक्कर हो जाती हैं।
सरकारी एम्बुलेंस से प्राइवेट अस्पतालों को पहुंचाया जाता है मरीज-
क्षेत्र के विभिन्न गांवों से मरीजों को सीएचसी सिकन्दरपुर पर लाया तो जाता है परंतु अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद आशाओं द्वारा मरीज के परिजनों को समझाबुझाकर निजी अस्पताल पर पहुंचा दिया जाता है,जहां पर बेहतर इलाज का झांसा देकर मोटामोटी रकम वसूल की जाती है।
सीएचसी सिकन्दरपुर पर सरकार द्वारा तैनात किए गए
सर्जन डॉक्टर अंशुमान राय, सर्जन डॉक्टर रूबी,एनेस्थीसिया डॉक्टर दिग्विजय द्वारा लगातार सफल ऑपरेशन किए जा रहें फिर भी कुछ अस्पताल कर्मियों द्वारा निजी अस्पतालों पर मरीजों को भेजा कर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है।
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