(इमरान खान)
बलिया उत्तर प्रदेश। प्राइवेट अवैध नर्सिंग होम व चिकित्सकों द्वारा सीएचसी सिकंदरपुर को मरीज विहीन करने का काफी लंबे दिनों से प्रयास किया जा रहा है एक तरफ अपना अस्पताल चलाने के लिए वह सीएचसी सिकंदरपुर को बदनाम करने में लगे हुए हैं आए दिन किसी न किसी बहाने उनके द्वारा अस्पताल के चिकित्सकों व कर्मचारियों के साथ अपने लोगों को भेजकर दुर्व्यवहार कराया जा रहा है वही कुछ दुकानदार भी अपनी दवा लिखवाने के लिए चिकित्सकों पर दबाव बनाते हैं अगर उनकी दवा चिकित्सक नहीं लिखता है तो उनके द्वारा भी षड्यंत्र किया जाता है। और आशा बहुओं व कुछ कर्मचारियों को मिलाकर अवैध नर्सिंग होम में ऑपरेशन व इलाज कराने के नाम पर मोटी रकम मरीजों से वसूलने का काम किया जा रहा है। उसमें आशा बहू व कुछ कर्मचारियों को भी मोटी रकम अस्पताल संचालकों द्वारा दी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में जब से सर्जन महिला चिकित्सक डॉ रूबी सर्जन डॉक्टर अंशुमान राय व एनैस्थिसिया के डॉक्टर डॉक्टर दिग्विजय की तैनाती की गई है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में उनके द्वारा ऑपरेशन किया जाने लगा है तब से प्राइवेट अवैध अस्पतालों की दुकान बंद होने के कगार पर पहुंच गई है इसी से अवैध प्राइवेट अस्पताल के संचालक आशा बहु व कुछ कर्मचारी आए दिन सीएचसी सिकंदरपुर के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं। एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शासन द्वारा सीएचसी में मरीजों के उपचार के लिए दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं लेकिन अस्पताल में मौजूद फार्मासिस्ट द्वारा दवाएं उपलब्ध नहीं कराया जाता है जब इसकी शिकायत अधीक्षक से की जाती है तो उनके द्वारा अनसुना कर दिया जाता है इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक भी की जा चुकी है कई बार मरीजों को दवा नहीं मिल पाती है तो मरीज मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं और मरीज की हालत गंभीर होने पर अस्पताल में दवा नहीं मिलने के कारण मजबूरी में कुछ दवाएं बाहर से मंगानी पड़ती हैं अगर अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी तो कोई भी चिकित्सक बाहर की दवा नहीं लिखेगा।
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