मुख्य वक्ता के बतौर गोंडवाना विचारक छितेश्वर गोंड ने सम्म्बोधित करते हुये कहा की आज के दौर में विश्व आदिवासी समुदाय को अपने अस्तित्व को बचाने के लिये बड़े ही कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा हैं आये दिन आदिवासी जनजाति समुदाय पर आये दिन हमले , हत्या , दुराचार , की घटनाएं घटित हो रहीं हैं भाजपा सरकार में आदिवासी उत्पीड़न का चर्म दौर चल रहा हैं केन्द्र व प्रदेश सरकारें आदिवासियो को सुरक्षा मुहैया कराने में अक्षम साबित हो रही हैं ऐसी स्थिति में भारत सहित पूरे विश्व आदिवासी समुदाय को संगठित व एकता बध हो कर अपने आदिवासी हितों एवं अपने सांविधानिक अधिकारों व अपने अस्तित्व की रक्षा के लिये संगठित संघर्ष छेड़ने की आवशकता हैं। आदिवासी प्रकृतवादी जल जंगल जमीन प्रकृत, धरती के संरक्षक रहे हैं। जिस दिन इस धरा से आदिवासियों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा उसी दिन यह पृथ्वी का तापमान इतना अत्यधिक बढ़ जायेगा कि धरती इस मानव के लिये रहने लायक नहीं बचेगी इसी लिये देश के आदिवासियो के साथ विनम्रता व मानवता का व्यवहार किया जाना चाहियें। बैठक में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड तहसील अध्यक्ष संजय गोंड, ब्लाक अध्यक्ष ओमप्रकाश गोंड , दुबहड़ ब्लाक अध्यक्ष दीपक गोंडवाना, युवा मोर्चा के मनोज शाह, सुरेश शाह, छात्र फ्रंट का जिलाध्यक्ष राकेश गोंड, सुदेश कुमार मंडावी जी कन्हैया गोंड, शिवशंकर खरवार , बृजेश गोंड, शिवनाथ गोंड , रामचन्द्र गोंड, महेन्द्र गोंड , धनंजय सिंह गोंड रहे।
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