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आशाओं की मिलीभगत से सामुदायिक स्वास्थ केंद्र सिकंदरपुर में सिजेरियन ऑपरेशन हुआ शून्य



सिकन्दरपुर, बलिया।(बलिया24न्यूज).

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर कहने को तो फर्स्ट रेफरल यूनिट है जहां जिला चिकित्सालय के बाद सबसे ज्यादा डॉक्टर भी उपलब्ध है जिसमें महिला चिकित्सक समेत सर्जन और विशेषज्ञ के रूप में बाल रोग विशेषज्ञ भी उपलब्ध मौजूद हैं।

इस अस्पताल पर तकरीबन एक महीना पहले तक महिला सर्जन डॉ रूबी के द्वारा सीजर ऑपरेशन के माध्यम से चार दर्जन से अधिक बच्चा पैदा कराया जा चुका है। 


और उनके साथ डॉ दिग्विजय ने साथ निभाते हुए मरीजों का काफी ख्याल रखते हैं।

ये सारे ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए लेकिन इनके इस कार्य से प्राइवेट अस्पतालों में खलबली सी मच गई।फिर उन्होंने अपना जुगाड़ लगाते हुए कुछ आशाओं अस्पताल के कर्मचारियों व बाहर के दुकानदारों के साथ अंदरूनी सांठगांठ कर फिर से अपने प्राइवेट अस्पतालों में जनता का शोषण करने के लिए सीजर द्वारा बच्चा पैदा कराने के लिए अपने अस्पतालों की तरफ रुख कर आया।

जिसके वजह से सरकारी अस्पताल

पर सिजेरियन का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है जिसके वजह से सिजेरियन द्वारा बच्चा पैदा कराने का ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जो लाभ मिलना चाहिए वह प्राइवेट अस्पतालों को मिलना शुरू हो गया।

उसके वजह से उनकी भी चांदी कटने लगी और उनके साथ  उनका सहयोग करने वाले आशा बहुवो, कर्मचारियों,व दुकानदारों का भी जेब गर्म होने लगा ।आखिर क्या वजह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य  केंद्र पर सीजेरियन द्वारा बच्चा पैदा कराने की दर एकाएक जीरो हो गया।

यानी सीधे तौर पर कहा जाय तो ये ऊपर से लेकर नीचे तक जितने अधिकारी व कर्मचारी  है उनका फेलियर माना जा सकता है।जिसके वजह से सिजेरियन द्वारा बच्चा पैदा करने की दर आज करीब महीनों से जीरो पड़ा है।

इसके वजह से मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में जमकर शोषण तो होता ही है और बिना डर के एकदम से सिरियस मरीजो को अपने अस्पताल में भर्ती कर मुहमांगी रकम वसूलते है ।और गारण्टी भी नही होती कि मरीज बचेगा भी की नही।

अगर मुख्यमंत्री योगी के सपनो को साकार करना है तो इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व अन्य सरकारी अस्पतालों पर अधिकारियों को बहुत ध्यान देना होगा जिससे योगी सरकार के सपनो को साकार किया जा सकेगा। 


इस सम्बंध में महिला सर्जन डॉक्टर रूबी से पूछा गया,तो उन्होंने बताया कि सिजेरियन दर कम होने का एक वजह यह भी है कि कुछ आशा बहु व अस्पताल कर्मी अपनी मिली भगत से आस-पास के निजी अस्पतालों पर पहुंचाकर मोटा-मोटी रकम वसूल किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछले सोमवार को ही रुद्रवार गांव की एक महिला बाहर की एक अस्पताल से सीजर ऑपरेशन कराके मेरे यहां आई थी तथा उसका ऑपरेशन ठीक नहीं हुआ था वह मेरे यहां इलाज कराने आई थी। मेरे द्वारा पूछताछ किए जाने पर उसने बताया कि आशा बहू मुझे निजी अस्पताल ले गयी थी।

जब कि वह महिला पहले भी मेरे पास आई थी जिसको मेरे द्वारा सीजर ऑपरेशन करने के लिए बताया भी गया था परंतु आशा बहू तथा कुछ अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे निजी अस्पताल भेजिए दिया था। महिला के अस्पताल आने की भनक लगने के बाद उसे आशा के कुछ खास अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा वहां से हटा दिया गया।

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