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पूर्व प्रधानमंत्री स्व चंद्रशेखर की 96वीं जयंती के उपलक्ष्य में हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन


✍️इमरान खान।

सिकन्दरपुर,बलिया।
शोमवार को श्री स्वामीनाथ सिंह सुरेंद्र महाविद्यालय धर्मपुर काजीपुर बलिया के सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के 96 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था।

 कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं चन्द्रशेखर जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण से प्रारंभ हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राध्यापक राजकुमार मल्ल ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चंद्रशेखर जी बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी  गांव में 17 अप्रैल 1927 को पैदा हुए, जो बलिया संसदीय क्षेत्र से 8 बार सांसद रहे तथा कभी भी किसी मंत्री पद पर बिना कार्य किए सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

चंद्रशेखर अपनी बेबाकी  के लिए हमेशा जाने जाते थे, संसद भवन के अंदर जब चंद्रशेखर खड़े होते थे तो सभी दलीय नेता गण चंद्रशेखर जी के विचारों को ध्यान से सुनते थे यहां तक की अपने जमाने में इंदिरा गांधी को भी चंद्रशेखर कई बार उनकी गलतियों के लिए टोक दिया करते थे।

चंद्रशेखर जी को पूरा देश युवा तुर्क के नाम से जानता है 

चंद्रशेखर 1977 के इमरजेंसी में के काल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में संविधान बचाने के लिए काफी समय तक जेल में भी समय काटे चंद्रशेखर जी ने 1990 में समाजवादी जनता पार्टी का गठन किया तथा समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह जी से इनके काफी मधुर संबंध थे।
समाजवादी पार्टी ने कभी भी इनके खिलाफ अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया।
 चंद्रशेखर जी अंतिम बार जब 2006 में बलिया आए थे तो स्टेशन पर यह देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी उस समय उनकी आंखों में आंसुओं की धारा बहने लगी।

आज भी सभी पार्टियां चंद्रशेखर जी को उसी सम्मान के साथ सम्मान देती हैं। 

गोष्ठी के उपरांत महाविद्यालय प्रांगण में उनकी स्मृति में महाविद्यालय अध्यापकों द्वारा एक आम का वृक्ष लगाया गया कार्यक्रम में मुख्य रूप से कामेश्वर प्रसाद, अश्वनी सिंह, नजरे आलम, चित्रलेखा तिवारी, बृजेंद्र श्रीवास्तव, श्रीनिवास तिवारी, राजू प्रसाद आदि लोग रहें कार्यक्रम की सफलता के लिए आदित्य प्रताप सिंह 'सोनू' ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

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