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कुछ अनछुए लम्हे-✍️सुमन भारती

 




बहुत कुछ  सहना पड़ता है, 

कभी  दुनियां, तो कभी खुद से लडना पडता है. ......


यूं ही कुछ भी नही  मिलता है इस जहां  में दोस्त!  

बहुत कुछ  नजरअंदाज  करके आगे बढना पड़ता है....


यूं ही मिलती नहीं कामयाबी, सोने के जैसे  निखरने के लिए, 

 मेहनत की भट्ठी में हमेशा  जलना पड़ता है. .....


 जरुरी  नही हर कोई, हर वक़्त साथ हो आपके, 

इसलिए  मुस्कुराकर ,, रब का हाथ थामना पड़ता है .....


आसान नहीं है दोस्त  सपनों का हकीकत बन जाना,

हर लम्हा खुद ही खुद से लडना पड़ता है, ,,


🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼

                   भारती 

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