असीरों के मुश्किल कुशा गौसे आज़म।
फकीरो के हाजत रवाँ गौसे आज़म।।
भदोही। (शाहिद सिद्दीकी)
नगर के मुहल्ला नुरखांपुर रोड HMAH RUGS कालीन कम्पनी में सुल्तानुल औलिया सैयदना गौस पाक के नाम फातेहा हुआ जिसमे उलमा-ए-दिन शोअरा-ए-कराम ने गौस पाक की शान में मनकबत के अशआर से अपनी गुलामी का सबुत पेश कर रहे थे तो वहीँ मौलाना अब्दुस्समद ज़ियाई ने सुल्तानुल औलिया गौस पाक के बलन्दी और मर्तबे पर रौशनी डाली। कहा जिस तरह से आक़ा-ए-नामदार मदनी-ए-ताजदार एमामुल अम्बिया सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को अल्लाह ने सब नबियों और रसूलो के मर्तबे में अफज़ल बनाया है उसी तरह से परवरदिगार ने मेरे गौस पाक को सब वालियों के सरदार मुन्तख़ब किया है। कहा वालियों से निस्बत रखो ईमान ताज़ा व् सलामत रहेगी इनसे वाबस्तगी दुनिया व आख़ेरत संवरती हुई नज़र आएगी। वहीँ हाफ़िज़ गुलाम मुस्तफा हबीबी ने दरे गौस पाक के गुलाम होने और हाजत रवाँ अपने अशआर के ज़रिये लोगो बता रहे थे की असीरों के मुश्किल कुशां गौसे आज़म,फकीरो के हाजत रवाँ गौसे आज़म पढ़ा तो दीवाने मचल गए। इसी तरह शायर सैयारे कमर, फ़ैयाज़ भदोहवी, जावेद आसिम, गुफरान अहमद आदि शायरों ने मनकबत पेश किया। नेकाबत हाफिज आबिद हुसैन ने की। इस हसीं मौके पर हाजी यूसुफ इमाम सिद्दीकी, नसीम अख्तर सिद्दीकी, नदीम अख्तर सिद्दीकी, वसीम अख्तर सिद्दीकी, फहीम अख्तर सिद्दीकी, नईम उर्फ गुड्डा सिद्दीकी ने माहिम शरीफ(मुम्बई)के गद्दीनशी हज़रत ईसा बाबा के नज़रे इनायत से फैज़ के दरिया में गोता लगाते रहे तो वहीँ बाबा ने श्री सिद्दीक़ी द्वय को अपने ख़ास निगाहें करम से फैज़ियाब करते रहे। उलमा शोअरा तथा तालिबे इल्म के अंजुमन में बैठ कर लोग ईमान की रौशनी से माला माल होते रहे। इस मौके पर जिलानी बाबा, मौलाना मुख्तार रिजवी, हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी, जमील अहमद मजनू, सैयद नियाज़ उर्फ बाबू भाई, हाजी एहतेशाम अहमद सिद्दीकी, हाजी शफ़क़त इमाम सिद्दीकी, फिरोज अख्तर सिद्दीकी, जेम खां, आदिल सिद्दीकी, साजिद हुसैन अंसारी, आरिफ खां, प्रो. डॉ. शफात इमाम सिद्दीकी, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष मो. आरिफ सिद्दीकी, महबूब बेग, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुशीर इकबाल, साभासद दानिश सिद्दीकी, पूर्व साभासद शाहिद सिद्दीकी, भावी साभासद प्रत्याशी अलाउ खां, अमजद अहमद, सरफराज अंसारी, शमीम अंसारी, शाहिद सिद्दीकी, सना सिद्दीकी, मो. अली सिद्दीकी, नौशाद खां पप्पू भाई, मो. सबीह सिद्दीकी, अमान अली, मूसा सिद्दीकी आदि लोग मौजूद रहे।
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