जिसमें वर्तमान समय में पत्रकारिता के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए,महामंत्री अजय तिवारी ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि यह सरकार और नागरिकों के मध्य खाई को पाटने में मदद करती है। इसके अलावा, यह व्यवस्था की खामियों की पहचान करने में महत्वपूर्ण मदद करता है।
वरिष्ठ पत्रकार नरायण पाण्डेय नें कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता, प्रचलित मुद्दों के संभावित समाधान के साथ आता है, जिससे 'लोकतंत्र के चौथे स्तंभ' के शीर्षक को सही ठहराया जा सके। पत्रकारिता के बेजोड़ विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि यह लोकतंत्र के अन्य तीन स्तंभों - कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के विपरीत आम आदमी की भागीदारी को बढ़ावा देती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए,ग्रापए के संरक्षक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री शंभू नाथ मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को आपस में एक साथ मिल जुल कर रहना चाहिए, पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है,जो गरीबों मजलूमां और निशहायों की मजबूरी को पहचानता है और उनकी लड़ाई को लड़कर अंतिम संकल्प तक पहुंचाता है।
अगर आज चौथा स्तंभ नहीं रहता तो देश की बहुत ही बुरी हालत होती, वर्तमान समय में अधिकारी पैसे के पीछे बिक जा रहे हैं।
लेकिन एक चौथा स्तम्भ ही है जो अपना पैसा खर्च करके गरीबों के पास पहुंचकर आज भी उन लोगों को राहत दे रहा है यही एक व्यवस्था है कि गरीबों के लिए सहायक है।
राम जी यादव, रजनीश श्रीवास्तव, अरविंद पाण्डेय, नवीन कुमार सिंह, अनिल तिवारी, शैलेंद्र गुप्ता, सत्येंद्र कुमार सिंह, दिनेश कुमार जायसवाल, इमरान खान,बख्तियार खान, रमेश कुमार जायसवाल, मनीष गुप्ता, आरिफ अंसारी,समीर कुमार, सनोज कुमार, निर्भय यादव, आशुतोष मिश्रा, राकेश श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश, सार्थक राय, रजनीश कुमार, दिलशाद अहमद, सरफराज अहमद,अजीत राय ,डी प्रसाद,अंगद कुमार आदि पत्रकार उपस्थित रहे।
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