बैरिया,बलिया। गंगा नदी के बहुत ज्यादा उफान पर होने के कारण नेशनल हाइवे के दक्षिण और टेंगरहीं बिड़ला बांध के पश्चिम स्थित सभी गांव अब टापू के रूप में तब्दील हो चुके हैं।
ग्राम पंचायत टेंगरहीं के अन्तर्गत आने वाले वंशगोपाल छपरा के अलावे मिश्र के हाता, चिंतामणि राय का टोला, रामपुर, मुरली छपरा, मठिया, गुदरी सिंह के टोला,, तिवारी टोला, पाण्डेयपुर, प्रसाद छपरा, बुद्धन चक, उदई छपरा, गोपालपुर, दुबे छपरा, सुघर छपरा, रामगढ़ आदि कई गांव बाढ़ के पानी से पुरी तरह घिर जाने के बाद बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।
प्रत्येक गांव में बाढ़ का पानी फैल जाने के चलते अधिकतर बाढ़ पीड़ितों ने नेशनल हाइवे के किनारे अपना अस्थायी आशियाना बना लिया है, कुछ बाढ़ पीड़ित टेंगरहीं बिड़ला बांध पर भी शरण लिये हुए हैं! दुबे छपरा ढाला स्थित हनुमान मन्दिर पर और पोस्ट ऑफिस के उपर प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर और प्राथमिक विद्यालय उदई छपरा संचालित हो रहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई जारी रहे! बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने हेतु फिलहाल शासन प्रशासन मुस्तैद है, नेशनल हाइवे पर जगह जगह बाढ़ राहत शिविर और बाढ़ राहत चौकी स्थापित कर दी गयी है, दुबे छपरा ढाला के बगल में स्थित राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों एवं मवेशियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटवां द्वारा दवा का भी वितरण किया जा रहा है! बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए शासन प्रशासन की गाड़ियां नेशनल हाइवे पर लगातार चक्रमण कर रही हैं! बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के लिए नेशनल हाइवे और बिड़ला बांध पर रोशनी की भी व्यवस्था कर दी गयी है।
कुछ बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि सहायता के रूप में शासन द्वारा बाढ़ राहत सामग्री का पैकेट वितरण किया जा रहा है जो कि उन्हें प्राप्त हो चुका है, सुबह और रात्रि में भोजन का पैकेट भी मिलता है, हालांकि दुबे छपरा नेशनल हाइवे पर कुछ बाढ़ पीड़ितों ने शिकायती लहजे में कहा कि भोजन कब मिलेगा इसका कोई समय निर्धारित नहीं है और कभी कभार भोजन का पैकेट खत्म हो जाने पर कुछ लोग भोजन से वंचित रह जाते हैं, उन्हें अभी तक तिरपाल भी नहीं प्राप्त हुआ है!
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