रिश्तों को फलने-फूलने के लिए प्यार की जरूरत होती है,गर बन गये आस्तीन के सांप तो अच्छा नहीं लगता....
भाई भाई में हो तकरार तो अच्छा नहीं लगता,
आंगन में हो दीवार तो अच्छा नहीं लगता...
बंटे दुःख दर्द अपनों में तो दिल में खुशी होती है,
यदि हो रिश्तों का बंटवारा तो अच्छा नहीं लगता...
हर जरूरत को करों पूरा पर इतना याद रखो,
बिक जाय गर ईमान तो अच्छा नहीं लगता...
जोड़कर ईंट ईंट मकान तो सब बना ही लेते हैं,
गर मकान, घर न बन सके तो अच्छा नहीं लगता...
समझाओं अगर प्यार से तो इंसान समझ जाते हैं,
पर मारो हर बात पर ताना तो अच्छा नहीं लगता।।
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