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अवर अभियंता द्वारा व्यापारी को थप्पड़ मारने का फुटेज |
✍️बसन्त पाण्डेय
नगरा, बलिया। नगरा बाजार में व्यापारी और बिजली विभाग के अवर अभियंता के बीच हुए विवाद के बीच की कहानी कुछ और तो नहीं। व्यापारी के बिजली बिल और घटनाक्रम को देखने से तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि मामला बिजली बिल के बकाये का नहीं बल्कि अंदरखाने पक रही खिचड़ी का है जिसको पकने के लिए सही ज्वाला न मिल सकी अन्यथा जो सख्श घटना के तीन दिन पहले पिछले माह के 31932 रुपये का बिल भरा हो वो करेंट बिल के 20 हजार 140 रुपया भरने के लिए विवाद क्यों कर दिया।
और अवर अभियंता को भी कौन सा आदेश आ गया कि करेंट माह का बिल जमा करने की आखिरी तारीख के पहले ही बकाये की वसूली करने पहुँच गए। जबकि करेंट बिल बकाया की श्रेणी में नहीं आता और वो भी सिर्फ नौ दिन का बिल।
सवाल यह है कि क्या करेंट माह का बिल जमा न करने पर दिए गए समयावधि में ही कनेक्शन विच्छेद करने का नियम है। कहीं ऐसा तो नहीं कि अपनी और साथियों की गर्दन बचाने के लिए अवर अभियंता ने नियमों को ताक पर रखकर व्यपारी को बलि का बकरा बना दिया।
व्यापारी द्वारा बंदूक ताना जाना और दुर्व्यवहार करना सरासर गलत है इसके लिए उसपर कार्यवाई होनी चाहिए और हुई भी, लेकिन क्या बिजली विभाग के अधिकारी या कर्मचारी क्या दूध के धुले थे जो उनकी जांच या उनपर सवाल नहीं उठाया गया। व्यापारी के बिल और उसको लेकर हुए विवाद कई सवाल खड़े कर रहे है –
सवाल 1- व्यापारी ने 30 अगस्त को की गयी बिलिंग के मुताबिक उसने अगस्त माह का 31892 रुपये का भुगतान 9 सितंबर को कर दिया। फिर बकाया कैसा ?
सवाल 2- जब 30 अगस्त तक को मीटर रीडिंग कर बिल जारी कर दी गयी थी तो 9 दिन में ही फिर दूसरी बिलिंग क्यों ? क्या बिजली विभाग के किताब या उसके कानून में लिखा है कि महीना 9 दिन का भी होता है।
सवाल 3- अगर मान ले कि बिजली विभाग को अधिकार है कि बिजली बिल 9 दिन में भी भेजा जा सकता है तो उस बिल में 30 दिन का जोड़ा जाने वाला फिक्स्ड चार्ज का भुगतान कौन करेगा।
सवाल 4- आखिर ऐसा क्या आन पड़ा कि अवर अभियंता को 9 दिन में ही बिलिंग निकालनी पड़ी वो भी इतनी मीटर रीडिंग की शायद ही बिजली कनेक्शन के बाद उतना मीटर रीडिंग कभी आया हो। 9 दिन में पूरे 5199 यूनिट
सवाल 5- आखिर व्यापारी के घर कितना लोड बढ़ गया था कि 9 दिन में ही 5199 यूनिट बिजली की खपत हो गयी। क्या मीटर में खराबी है या उससे बिल निकालने वाले में यह तो जांच में ही पता चलेगा।
सवाल 6- कही अवर अभियंता या कर्मचारियों द्वारा अपनी कमी को छिपाने या बचने के लिये ही तो व्यापारी पर दबाव बनाया जा रहा था जिसके बाद कहानी बंदूक तक बढ़ गयी।
सवाल 7 – आखिर दोनों बिलिंग के बीच ऐसा क्या हुआ जो पहले से चल रहा खेल विवाद का रूप ले लिया।
कही ऐसा तो नहीं कि अवर अभियंता और व्यापारी के बीच पक रही खिचड़ी ही कांच रह गयी थी। विवाद की जड़ में कुछ तो है, लेकिन इसकी जांच कौन करेगा। जांच से बिजली विभाग की ही पोल खुल जाएगी, इसलिए जिले के बिजली विभाग के अफसर कलई खुलने के भय से कारोबारी पर ही दोष मढ़ बचने के प्रयास में लगे रहे ।
इस विडियो मे स्पष्ट दिखाई रहा है की दबंग व्यापारी नही, बिजली विभाग का JE है। इस विडियो मे व्यापारी का रायफल बिजली विभाग का स्टाफ पकडा है और नगरा सबस्टेशन का JE, व्यापारी को उसके घर पर ही पिटाई कर रहा है...घटना से सम्बन्धित एक और वायरल विडियो...
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