रिपोर्ट-शकील खान । बैरिया(बलिया)
अक्सर कंस्ट्रक्सन का कार्य ज्यादातर बरसात के मौसम में ही शुरू हो जाता है । लोग अपने अपने घरों में मरम्मत से लेकर छतों की ढलाई का कार्य भी बरसात के मौसम में ही कराते है ग्राम सभा का सरकारी काम भी होता है लेकिन इस बरसात में जहाँ महंगाई चरम सीमा पर है वही मजदूरों को कोई काम न मिलने के कारण इनके परिवार के सामने भुखमरी की समस्या सामने खड़ी हो गई है। बता दे कि पिछले लगभग आठ - नव महीने से शासन द्वारा लाल बालू का आवागमन बाधित कर दिया गया है जिससे लोगो का घरेलू काम बंद हो गया ।
बड़े अस्तर के ठीकेदार तो किसी तरह से बालू का आवागमन करके उसे मँहगे दामो में बेच देते है लेकिन जो छोटे व्यापारी है उनपर हमेशा शासन का डंडा चल जाता है जिसके कारण जितने भी बेरोजगार युवक जो छोटे अस्तर पर बालू का व्यापार किये थे उनके सामने भी संकट खड़ा हो गया है साथ ही जो मजदूर थे जिनके परिवार का एक मात्र सहारा लाल बालू ही था ट्रैक्टर पर बालू ढोने का कार्य करते थे उनके परिवार के सामने भी भुखमरी की समस्या खड़ी हो गयी है ।कुछ मजदूरों का तो यहां से पलायन भी हो रहा है । इस प्रकार देखा जाय तो अगर शासन की यही रवैया रहा तो गावो से मजदूरों का जल्द ही पलायन हो जाएगा ।
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